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सीट निरस्त करने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

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-नीट 2024 का मामला: छात्रा के नाम में त्रुटि रहने पर प्रवेश से किया था वंचित

जोधपुर, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एक छात्रा को राजकीय मेडिकल कॉलेज चूरू में सुचारू रूप से अध्ययन करवाने का आदेश पारित किया है।

दरअसल चितौडग़ढ़ निवासी मुदिता मीना ने वर्ष 2024 में राष्ट्रीय दक्षता प्रवेश परीक्षा (नीट) में भाग लिया व उसे पचपन प्रतिशत अंक हासिल किए। उसकी काउंसलिंग व दस्तावेज सत्यापन के पश्चात् उसे 30 अगस्त को आदेश से राजकीय मेडिकल कॉलेज चूरू अस्थाई रूप से आवंटित किया गया एवं इस आदेश के अनुसरण में उसने निर्धारित फीस भी जमा करवा दी। उसके पश्चात् विभाग द्वारा उसे मौखिक रूप से सूचित किया गया कि चूंकि उसके माध्यमिक शिक्षा व उच्च माध्यमिक शिक्षा की अंक तालिका में नाम मुदिता मालावत है व उसके जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोट कार्ड, जाति प्रमाण पत्र व राशन कार्ड में नाम मुदिता मीणा है इसलिए उसका सीट आवंटन निरस्त किया जाता है।

विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर छात्रा ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। उच्च न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता ने बताया कि प्रार्थिया द्वारा किसी दस्तावेज को छुपाया नहीं गया है। उसके नीट परीक्षा में आवेदन मुदिता मीना के नाम से ही किया है क्योंकि उसके सभी दस्तावेजात में नाम मुदिता मीना ही है केवल दसवीं व बारहवीं की अंक तालिका में उसका नाम मुदिता मालावत है व मालावत उसका गौत्र है जो मीना जाति में ही आता है लेकिन विभाग द्वारा उसका प्रवेश मौखिक रूप से प्रवेश निरस्त किया जो अनुचित है। साथ ही उसके द्वारा इस संदर्भ में एक शपथ पत्र की नीट परीक्षा 2024 आयोजित करने वालों के समक्ष पेश किया कि मुदिता मीना व मालावत एक ही है। इनमें कोई भेद नहीं है व भविष्य में किसी प्रकार का विवाद होगा तो उसकी जिम्मेवार वह स्वयं होगी। उसके द्वारा जाति में मालावत की जगह मीणा करने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से भी निवेदन किया गया है जो वर्तमान में प्रगति पर है। नीट परीक्षा आयोजित करवाने वाली केन्द्रीय एजेंसी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता का यह तर्क था कि जिसने भी नीट 2024 में भाग लिया है उन्हें त्रुटि सुधार के लिए समुचित अवसर प्रदान किए गए लेकिन उसका लाभ नहीं उठाया गया। इसलिए अब वह किसी प्रकार के लाभ प्राप्त करने की हकदार नहीं। हाईकोर्ट ने सुनवाइ्र के बाद मुदिता मीना की रिट याचिका को अंतरिम रूप से विचारार्थ स्वीकार करते हुए नीट परीक्षा 2024 के आयोजनकर्ता केन्द्रीय सरकार व राज्य सरकार को नोटिस जारी किए व राजकीय मेडिकल कॉलेज चूरू के प्राचार्य को प्रार्थिया के अस्थाई आवंटन पत्र के तहत ही निर्बाध रूप से अध्ययन करवाने व उसका रिजल्ट न्यायालय के आदेश बिना जारी नहीं करने का आदेश पारित किया। साथ ही समय रहते अपने नाम में संशोधन करवाने की छूट भी प्रदान की।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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