Uttrakhand

जलवायु परिवर्तन को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला

राइका घिंघराण में आयोजित व्याख्यान में बोलते हुए संस्थान के वैज्ञानिक।

गोपेश्वर, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के मंडल घाटी के राजकीय इंटर कालेज घिंघराण में सीपी भट्ट ट्रस्ट की ओर से चिरंजी लाल भट्ट पर्यावरण व्याख्यान का आयोजन किया गया।

पर्यावरण व्याख्यान में बोलते हुए जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.सी.पी कुनियाल ने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के विषय पर बोलते हुए कहा कि इसके लिए हमें स्थानीय स्तर पर प्रयास करने होंगे। अब समय आ गया है कि हमें जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं को कम से कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के लिए आगे आना होगा।परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कारकों को कम से कम करने के लिए व्यक्तिगत और सामुहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से हमारे पानी के भंडार ग्लेशियरों के गलने की रफ्तार बढ़ी है और प्राकृतिक आपदाओं में तेजी आई है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार कारकों के सबसे अधिक उत्सर्जन करने वाले देशों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, जंगलों में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं से हमारी जैव विविधता, हमारे रहन सहन और समृद्धि पर असर पड़ रहा है। मौसमीय बदलाव से वनस्पति और वन्यजीव के प्राकृतिक आवास सिमट रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें नवीनीकरण उर्जा, परिवहन, आवास, कूड़े-कचरे का उचित प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। व्याख्यान में ओमप्रकाश भट्ट ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और मंगला कोठियाल जी ने सर्वोदयी स्व. चिरंजी लाल के कार्यो के बारे में बताया।

नगरपालिका गोपेश्वर के पूर्व अधिशाषी अधिकारी शांति प्रसाद भट्ट ने युवाओं को अभी से सामाजिक सरोकारो से जुड़ने के टिप्स दिए और युवावस्था के इससे जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।

विकास केंद्र के विनय सेमवाल ने वर्तमान समय में मौसमीय बदलाव की गति को कम करने के लिए नए चिपको की जरूरत बताई। विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश चंद्र थपलियाल जी ने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के निराकरण के लिए स्थानीय प्रयास के बारे में बताया।

इस मौके पर अनुसूया प्रसाद पुरोहित, रविंद्र सिंह फर्स्वाण, तारेंद्र गडिया, पीसी डंगवाल, बबिता रावत, सुमन चंद्रवाल, सतीश बिष्ट आदि मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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