Chhattisgarh

अत्यधिक रेत खनन से मेघा पुल क्षतिग्रस्त : एमएल उराव

सेतु निगम के अधिकारी क्षतिग्रस्त मेघा पुल का निरीक्षण करते हुए।

धमतरी, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के कुरूद-मेघा-मगरलोड मार्ग के 10/10 किलोमीटर में महानदी पर निर्मित जलमग्नीय पुल का आज सोमवार को मुख्य अभियंता, सेतु परिक्षेत्र रायपुर एमएल उराव ने निरीक्षण किया। पाया गया कि अत्यधिक रेत खनन से मेघा पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जलमग्नीय पुल का निर्माण तत्कालीन सेतु संभाग रायपुर के द्वारा जून 1994 में किया गया था। पुल की लंबाई 977.136 मीटर है।

कार्य विभाग मैन्युअल के नियमानुसार वर्षा ऋतु के पूर्व पुल का अर्धवार्षिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पुल की स्थिति संतोषजनक पाई गई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुल के निकट ही यू, एस एवं डी, एस दोनों ओर अत्यधिक रेत खनन किया गया है, जिससे वर्षा ऋतु में पानी के तेज बहाव के कारण डी-एस का कच्चा एप्रान (बोल्डर से समतल किया हुआ भाग) का कटाव हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि कच्चा एप्रान के कटाव हो जाने पर पक्का एप्रान (कांक्रीट से समतल किया हुआ भाग) लगभग 2.00 मीटर से 2.50 मीटर तक गहराई सामान्य ग्राउंड लेवल से ऊपर खुल जाने के कारण डी-एस कटआफ वाल लगभग 150 मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त होकर सेटल डाउन हो गया है।

कच्चा एवं पक्का एप्रान दोने के क्षतिग्रस्त हो जाने एवं वर्षा ऋतु में पानी के अत्यधिक बहाव के कारण बाक्स टाइप जलमग्नीय पुल के बाटम स्लैब के नीचे से बोल्डर एवं सैंड का बहाव होने के कारण बाटम स्लैब के नीचे का भाग खोखला हो गया। उक्त पुल फ्लाटिंग फाउंडेशन आधारित पुल था, जिसमें कटआफ वाल से ही पूरा स्ट्रक्चर प्रोटेक्ट रहता है तथा कटआफ वाल की गहराई तीन मीटर रहती है, जिसमें 2.50 मीटर का कटआफ वाल रेत निकालने के कारण खुल गया। उक्त स्थिति में भी पुल के ऊपर यातायात प्रवाहित रहने के कारण पुल का कुछ हिस्सा सेटल डाउन हो गया है तथा जितना कटआफ वाल टूट गया है, उतना अतिरिक्त बाक्स कोलैप्स होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उक्त पुल से आवासगमन नहीं किया जा सकता।

30 गांवों के लोग करते हैं आना जाना

उराव ने बताया कि यह मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण मुख्य जिला मार्ग है, जिसमें कुरूद की ओर तथा मेघा की ओर 30 ग्राम के लोग, जिनकी जनसंख्या 69 हजार 57 है, प्रतिदिन आना-जाना होता है। उक्त पुल के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मेघा की ओर की आम जनता को लगभग 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर जिला मुख्यालय आना पड़ेगा, जिससे आम जनता को अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। उक्त निर्मित पुल के यू/एस में वर्ष 2023-24 के बजट में प्रावधान 120 लाख रुपये के साथ नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण के लिए शामिल है, जिसका बोरिंग कार्य पूर्ण कर जीएडी तैयार कर ली गई है। प्राक्कलन तैयार कर आवश्यक स्वीकृति के लिए प्रेषित किया जा रहा है। निरीक्षण के समय कार्यपालन अभियंता सेतु निगम विवेक शुक्ला और अनुविभागीय अधिकारी केके यादव मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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