–कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूरे देश से रिजेक्टेड एक्सपायर नमकीन की नीलामी का डाटा मांगा
–प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उप्र से मांगा हलफनामा
प्रयागराज, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्रांडेड कम्पनियों के एक्सपायर्ड या रिजेक्टेड नमकीन की नीलामी को मानव उपभोग के लिए खुले बाजार में बिक्री को लेकर कायम जनहित याचिका पर प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उप्र लखनऊ व खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकारी भारत सरकार को पक्षकार बनाते हुए जवाबी हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने कहा है कि पशुओं के चारे के इस्तेमाल के नाम पर नीलामी लेकर मानव उपयोग में बेचने वालो पर कार्रवाई हो। कोर्ट ने कहा सरकार रिजेक्टेड नमकीन की नीलामी करने से पहले उसका पाउडर बनाये ताकि खरीदने वाले उसका मानव उपयोग के लिए इस्तेमाल न कर सके।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से पशु चारे पर सभी राज्यों के लिए गाइडलाइन तैयार करने को कहा है और राज्यवार डाटा पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पशुओं के लिए रिजेक्टेड नमकीन खरीद कर मानव उपयोग के लिए खुले बाजार में बेचने का प्रचार किया जाय ताकि स्थानीय स्तर पर ह्विसिल ब्लोअर मुद्दे को उठाकर मानव जीवन के खतरे को बचाया जा सके।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उप्र से जवाब मांगा है और राज्य सरकार को कृत कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 7 नवम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला तथा न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की खंडपीठ ने स्वतःकायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 2023-24 में प्रदेश के 93 नमकीन निर्माता यूनिट से 3050089 किलो रिजेक्टेड नमकीन मिला। जिसमें से 3011678 किलो नमकीन क्रश किया गया और 38411 किलो नष्ट कर दिया गया है। इसी तरह 2024-25 मे 90 नमकीन निर्माता कम्पनियों से 1615781 किलो रिजेक्टेड नमकीन मिला। जिसमें से 1593131 किलो क्रश किया गया और 22642 किलो नष्ट किया गया है। प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व भारत सरकार के अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह व इंटरवीनर आशुतोष कुमार तिवारी ने पक्ष रखा। कोर्ट ने तिवारी को भी डाटा इकट्ठा करने का प्रयास करने को कहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे