जयपुर, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को साेमवार काे सरकार ने निलंबित कर दिया गया। उन्होंने सरकार के नोटिस का समय पर जवाब पेश नहीं किया था। इसके बाद सरकार ने इस पर कानूनी विशेषज्ञों से राय लेकर महापौर मुनेश गुर्जर का निलंबन आदेश जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि सरकार ने सबसे पहले ग्यारह सितंबर को महापौर मुनेश को नोटिस जारी किया था। तब यह नोटिस जांच अधिकारी की तरफ से जारी किया गया था। इसका तीन दिन बाद महापौर मुनेश ने अपने एडवोकेट के जरिए जवाब भिजवाया था। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने 18 सितंबर को दूसरा नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। लेकिन 21 सितंबर को रात तक कोई जवाब नहीं दिया गया। यह तीसरा मौका है, जब महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया है। इससे पहले गहलोत सरकार ने मुनेश गुर्जर को 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर 2023 को निलंबित किया था। हालांकि दोनों बार महापौर मुनेश ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उनको राहत मिली और वे वापस महापौर की कुर्सी पर बैठीं। वहीं रिश्वत लेने के मामले में हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर पर एसीबी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर 2 सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
महापौर मुनेश की तरफ से 21 सितंबर को कोर्ट में बहस के लिए समय मांगा गया था। महापौर मुनेश के वकील दीपक चौहान ने हाईकोर्ट में कहा था कि इस मामले में एसीबी ने चालान पेश कर दिया है। हमने इससे संबंधित दस्तावेज हाईकोर्ट में पेश किए हैं। ऐसे में हमें बहस के लिए समय दिया जाए। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। बता दें कि एसीबी ने 19 सितंबर को मुनेश गुर्जर के खिलाफ चालान पेश किया था।
—————
(Udaipur Kiran)