Haryana

सोनीपत: सुरेंद्र पंवार को मिली राहत, हाईकोर्ट ने बरी किया

23 Snp- 8    सोनीपत: सुरेंद्र के बरी होने पर उनके घर         पर खुशी,

सोनीपत, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए सोनीपत से पूर्व विधायक एवं कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार को सशर्त बरी कर दिया है। अब पंवार सोनीपत में चुनाव प्रचार कर सकेंगे। इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी। विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व करनाल में भी छापे मारे गए थे। ईडी की टीम ने अवैध खनन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और कुछ को अपने कब्जे में लिया था। विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला चल रहा है। पंवार के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। एक मामला ईडी की टीम ने जनवरी में दर्ज किया था।

सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। ईडी ने उनको 20 जुलाई को गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे अंबाला जेल में थे। कांग्रेस ने इस चुनाव में पंवार को सोनीपत से बतौर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा है।

हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को बरी कर दिया। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है, लेकिन कोर्ट का विस्तृत फैसला अभी आना बाकी है। सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि उनके द्वारा हाईकोर्ट में अपील की थी कि जब पंवार का नाम सीधे तौर पर किसी एफआईआर में नहीं है तो इनको अवैध तरीके से गिरफ्तार क्यों किया गया। दस्तावेजों को आधार मानते हुए अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।

बदलेंगे साेनीपत सीट के राजनीतिक समीकरण

पंवार के बरी होने की खबर मिलते ही कांग्रेस

समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और मिठाइयां बांटी गईं। खुशी में पंवार समर्थकों

ने लड्‌डू बांटे। सोनीपत विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला

है। भाजपा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आने वाले निखिल मदान को उम्मीदवार बनाया

है। सुरेंद्र पंवार के जेल में होने के कारण उनकी पुत्र वधु समीक्षा पंवार ने चुनाव

प्रचार की जिम्मेदारी संभाली हुई। हालांकि, अब पंवार के जेल से बाहर आने के बाद मुकाबला

और भी दिलचस्प हो गया है। जेल से बाहर आते ही पंवार भी चुनाव प्रचार करंेगे।

—————

(Udaipur Kiran) परवाना

Most Popular

To Top