चित्तौड़गढ़, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । शहर के नजदीक स्थित सेगवा गांव में घायल मिले इंडियन ईगल ओऊल (उल्लू) का रविवार को ऑपरेशन किया गया है। यह इंडियन ईगल ओऊल काफी बड़ा था। इस उल्लू का एक पंख विद्युत तार में आने के कारण टूट गया था। इसका पशु चिकित्सक ने ऑपरेशन किया है। अब इसे वन विभाग को सुपुर्द कर दिया जाएगा। इसके स्वास्थय में सुधार होने के बाद पुनः इसके नैसर्गिक आवास पर छोड़ने की बात सामने आई है। वन्य जीव प्रेमियों, चिकित्सक और वन विभाग की पहल के चलते एक वन्य जीव को बचाने के लिए सार्थक प्रयास किया गया।
जानकारी में सामने आया कि यह इंडियन ईगल ओऊल (उल्लू) निकटवर्ती सेगवा गांव में आया था। यहां रहने वाले नगेंद्र मोड़ और इसके परिजनों ने देखा। यह उल्लू फड़फड़ा रहा था लेकिन उड़ नहीं पा रहा था। इस पर मोड़ इसे अपने घर ले आया, जिससे कि कोई दूसरे जीव इस पर झपटा नहीं मार दे। पहले तो सोचा कि बीमारी के कारण नहीं उड़ रहा या रात को यह उल्लू उड़ जाएगा। लेकिन जब यह सुबह भी नहीं उड़ा तो नगेंद्र मोड़ ने इसकी जानकारी वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी को दी। साथ ही इस उल्लू को वन विभाग लेकर आ गए। वन विभाग से मनीष तिवारी और उनकी टीम ने इस उल्लू को वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ धर्मेंद्र सोन को दिखाया। डॉ धर्मेंद्र सोन ने उल्लू के स्वास्थ्य की पूरी जांच की। इसमें सामने आया कि उल्लू का का एक पंख टूटा हुआ है। ऐसे में इसका ऑपरेशन से ही सही करने की बात सामने आई। चिकित्सक ने रविवार को उसके ऑपरेशन करने के लिए कहा। रविवार रात को उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे के निर्देश पर डॉ सोन ने उल्लू के टूटे हुए पंख का सफल ऑपरेशन किया। डॉ सोन ने बताया गया कि अभी कुछ दिनों तक इस उल्लू को चिकित्सीय निरीक्षण में रखना होगा। उसके उपरांत पूर्ण स्वस्थ होने पर इसे इसके नैसर्गिक आवास में छोड़ दिया जाएगा। उल्लू के ऑपरेशन के समय वन विभाग से नाथू सिंह के अलावा वन्य जीव प्रेमी मुबारिक खान पठान, रामकुमार साहू, कन्हैयालाल सालवी और राहुल वानखेडे भी उपस्थित थे। आशंका जताई है कि यह उल्लू विद्युत लाइन में फंसने से घायल हो गया। विद्युत तार में फसने से इसका पंख टूट गया और उड़ने में असमर्थ हो गया।
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(Udaipur Kiran) / अखिल