-तीन दिनों में कुल 900 लोगों की समस्याएं सुनी सीएम योगी ने, समाधान के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
गोरखपुर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार तीसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन का आयोजन कर लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। इन समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की समस्याओं का समाधान तत्परता से करें। जनता की हर पीड़ा का निवारण सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। लगातार तीन दिन हुए जनता दर्शन के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री ने कुल मिलाकर 900 लोगों की समस्याएं सुनीं।
रविवार सुबह आयोजित जनता दर्शन में आए लोगों को गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठाया गया था। योगी इन सभी लोगों तक खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। रविवार को उन्होंने करीब 300 लोगों से मुलाकात की। उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिया कि सबके साथ न्याय होगा। लोगों के प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित निस्तारण की हिदायत दी। जमीन कब्जा करने की शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी सूरत में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। मुख्यमंत्री योगी उनसे आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा और न होने की जानकारी पर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को थमाते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान उन्होंने हर पात्र का आयुष्मान कार्ड बनवाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया।
राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए। जनता दर्शन में कुछ महिलाओं के साथ आए बच्चों को दुलारकर मुख्यमंत्री ने उन्हें चॉकलेट गिफ्ट किया और खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय