हरिद्वार, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज ने कहा कि आत्मज्ञान की साधना से ही मनुष्य का कल्याण संभव है। यही महापुरुषों का रास्ता है और जिस पर महापुरुष चले,उसी आत्मज्ञान के रास्ते पर चलकर अपना कल्याण करें, यही सनातन मार्ग है।
दशहरा मैदान बी.एच.ई.एल., सेक्टर 4 में सद्भावना सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को आध्यात्मिक गुरु और मंत्री सतपाल जी महाराज ने अपार जनसमुदाय को संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि संत कभी किसी से उसकी जात-पात नहीं पूछते हैं, मानव को मानव मान करके मानव की सेवा करना चाहते हैं।
इस अवसर पर माता अमृता ने कहा कि महाराज का जीवन बचपन से ही बहुत संघर्षमय रहा है। वह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। हमें उनकी आज्ञा में रहकर, उनके बताए गए मार्ग पर चलना है। तब ही हमारा जीवन सुखमय होगा।
इस मौके पर देश-विदेश से सैकड़ों की संख्या में भक्तगणों ने कार्यक्रम में पहुंच कर महाराज के प्रवचन और दर्शनों से लाभ उठाया। कार्यक्रम में रीवा के राजा पुष्पराज सिंह सपरिवार पधारे।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला