भीलवाड़ा, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा में आयोजित लघु उद्योग भारती के राजस्थान प्रदेश सम्मेलन में प्रदेशभर से 160 औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और चार अन्य मंत्री मंच पर मौजूद थे। सम्मेलन में राजस्थान के लघु उद्योगों को बढ़ावा देने और उनके विकास पर विचार-विमर्श किया गया।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के उद्योगों के विकास से ही राजस्थान एक सशक्त राज्य बन सकेगा। उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य है कि राजस्थान वर्ष 2047 तक एक वैश्विक औद्योगिक हब बने। मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में, प्रदेश को इस दिशा में ले जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विदेशी निवेश लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और भीलवाड़ा, जो पहले से ही एक टेक्सटाइल हब है, इसमें प्रमुख भूमिका निभाएगा।
दीया कुमारी ने बताया कि भीलवाड़ा के लिए टेक्सटाइल पार्क की घोषणा हो चुकी है और भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा, टेक्सटाइल पार्क से न केवल भीलवाड़ा की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। हम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं, और राजस्थान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कर्नल राठौड़ ने भीलवाड़ा को देश के प्रमुख टैक्सटाइल हब के रूप में संबोधित किया और कहा कि यहां से विभिन्न देशों में बड़ी मात्रा में निर्यात होता है। उन्होंने कहा, भीलवाड़ा की टेक्सटाइल इकाइयां न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी गुणवत्ता और विविधता के लिए जानी जाती हैं।
राठौड़ ने यह भी बताया कि 9 से 11 दिसंबर 2024 को जयपुर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से राज्य में निवेश को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उद्यमियों से इस समिट में भाग लेने और निवेश के अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया।
सम्मेलन के दौरान उद्योगों के विकास के लिए विभिन्न सुझावों पर चर्चा हुई। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा और अन्य प्रमुख वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे राजस्थान को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिए सरकार और उद्यमियों के बीच सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। प्रकाश चंद्र, ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि देश के उद्योगों को मजबूती मिले और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों। उन्होंने बताया कि राजस्थान में टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, मिनरल्स, और अन्य उद्योगों को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा ताकि राज्य में आर्थिक वृद्धि हो सके।
सम्मेलन में उद्योगों से संबंधित समस्याओं पर भी चर्चा की गई। सम्मेलन प्रभारी रविंद्र जाजू ने भीलवाड़ा में टेक्सटाइल पार्क के क्रियान्वयन के लिए बिजली दरों में कमी और अनलिमिटेड सोलर पावर की मांग की। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि स्कूल ड्रेस निविदा की शर्तों में बदलाव किया जाए और ग्रोथ सेंटर में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और ईएसआई अस्पताल की व्यवस्था की जाए। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष शांतिलाल बालर ने सोलर नोटिफिकेशन, विद्युत दरों में संशोधन और फायर सेस में राहत की मांग की। उन्होंने कहा कि इन कदमों से उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी और राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
सम्मेलन के दौरान महिला इकाई की सक्रिय भागीदारी भी देखी गई। पूर्व सांसद सुभाष बहेडिया, विधायक अशोक कोठारी, महापौर राकेश पाठक, और अन्य प्रमुख उद्योगपतियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। भीलवाड़ा के प्रमुख उद्योगपति तिलोक चंद्र छाबड़ा, पंकज ओस्तवाल, संजीव चिरानिया, रामरतन जागेटिया, अजय मुंदड़ा सहित अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद