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आखिरकार बांग्लादेश दुर्गा पूजा में  पश्चिम बंगाल को हिलसा मछली देने को तैयार

बांग्लादेश में हिलसा को लोग बड़े चाव से खाते हैं। फोटो-इंटरनेट मीडिया

ढाका, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । आखिरकार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारतीय बंगाली सनातन हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा पर हिलसा (इलिश) मछली देने को तैयार हो गई है। बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी।

ढाका ट्रिब्यून अखबार के अनुसार भारत के पश्चिम बंगाल में सनातन हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य में वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को भारत को 3,000 टन हिलसा मछली के निर्यात को मंजूरी दे दी है।

वाणिज्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में निर्यात की जाने वाली हिलसा की कीमत नहीं दर्शायी गई है। महत्वपूर्ण यह है कि 2023 में दुर्गा पूजा के लिए 5,000 टन हिलसा का निर्यात किया गया था। कुछ समय पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ अपने ‘हिल्सा कूटनीति’ को जारी रखने के लिए कोलकाता स्थित मछली आयातक संघ के अनुरोध को ठुकरा दिया था। अंतरिम सरकार ने कहा था कि उसका निर्यात से अधिक अपनी घरेलू मांग को प्राथमिकता देना है। नौ अगस्त को बांग्लादेश सरकार के सलाहकार तौहीद हुसैन को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था कि पिछले वर्षों की तरह सीमित हिल्सा व्यापार की अनुमति दी जाए। अंतरिम सरकार में मत्स्य और पशु संसाधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने बढ़ती घरेलू मांग का हवाला देते हुए मांग को खारिज कर दिया था।

इससे यह आशंका घर कर गई थी इस बार पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का त्योहार बिना हिलसा के मनेगा। इस मछली को पद्मा इलिश भी कहते हैं। यह बांग्लादेश की पद्मा नदी से मिलने वाली हिल्सा मछली होती है। इस मछली को बंगाल का खास पकवान माना जाता है। हालांकि बाजार में म्यांमार और गुजरात की हिल्सा भी उपलब्ध है लेकिन बांग्लादेश की हिलसा की तुलना में इसे कम स्वादिष्ट माना जाता है।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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