कोलकाता, 21 सितंबर (Udaipur Kiran) । लगभग 24 घंटे तक बंद रहने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच अंतरराज्यीय व्यापार के लिए ट्रकों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) द्वारा अपने बांधों से पानी छोड़े जाने से दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की वजह से गुरुवार शाम को झारखंड से लगती सीमा को बंद कर दिया था।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया, अंतरराज्यीय सीमा अब खुल गई है और एनएच-2 और एनएच-6 पर फंसे हजारों मालवाही ट्रक रवाना हो गए हैं।
हालांकि, पश्चिम बंगाल के ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि सीमा खुल चुकी है लेकिन 20-25 किलोमीटर लंबी ट्रकों की कतार को खत्म होने में समय लगेगा।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट किया, ममता बनर्जी केंद्रीय गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और झारखंड की जनता के संगठित प्रयासों के दबाव के आगे झुक गई हैं, जिन्होंने झारखंड से पश्चिम बंगाल जाने वाले वाहनों को रोकने के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था।
उन्होंने कहा, झारखंड से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने वाले वाहनों को अब जाने की अनुमति दी गई है। मेरी तरफ से इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद ही चीजें तेजी से हुईं और मैं सभी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस अवैध अवरोध को समाप्त करने में अपना योगदान दिया।
अधिकारी ने ममता बनर्जी की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, ममता बनर्जी ने हाल के दिनों में एक कदम आगे और चार कदम पीछे जाने की आदत बना ली है। आरजी कर अस्पताल मामले से लेकर उनके द्वारा उठाए गए सभी कदम विफल साबित हो चुके हैं। यह सिर्फ शुरुआत है, अब से ममता बनर्जी को लगातार अपने फैसले वापस लेने पड़ेंगे।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि झारखंड की बांधों से पानी छोड़ने के कारण पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है और उन्होंने झारखंड से भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने डीवीसी को मानव निर्मित बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार डीवीसी से सभी संबंध समाप्त कर देगी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी ममता बनर्जी पर सीमा सील करने के फैसले को लेकर तीखा हमला किया। जेएमएम के महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ममता बनर्जी का यह फैसला उन्हें भारी पड़ेगा। अगर झारखंड अपनी सीमाओं को सील कर देता है, तो पश्चिम बंगाल का पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी भारत से संपर्क टूट जाएगा। मैं दीदी से आग्रह करूंगा कि वे संवेदनशील बनें। माल वाहक वाहन आपके राज्य में बाढ़ लाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
डीवीसी ने गुरुवार को स्पष्ट किया था कि पानी छोड़ने का फैसला पश्चिम बंगाल और झारखंड के जल संसाधन विभागों और डीवीसी के तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था।
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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर