Chhattisgarh

रसोईयों को तीन माह से नहीं मिल रहा मानदेय, बढ़ी परेशानी

धरना के बाद रैली निकालकर जताया विरोध।

धमतरी, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) ।छत्तीसगढ़ मध्याह्न भोजन मजदूर एकता यूनियन सीटू 11 सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरना दिया। 20 सितंबर को आयोजित धरना में शामिल रसोईया-सहायिकाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास महतारी वंदन योजना के लिए फोकट में राशि बांटने के लिए पैसा है और काम करने वाली रसोईया व सहायिकाओं के लिए उनके पास बजट नहीं है, यह चिंता का विषय है। समय रहते यदि उन्हें मानदेय नहीं मिला, तो आंदोलन उग्र करने की चेतावनी धरना में शामिल महिलाओं की भीड़ ने दी है।

गांधी मैदान में आयोजित धरना प्रदर्शन में दूसरे दिन जिलेभर से 250 से 300 रसोईया सहायिका पहुंची थी। यहां धरना प्रदर्शन करती हुई महिलाएं एक-एक करके मानदेय नहीं मिलने पर राज्य सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। इसके बाद रसोईया सहायिकाओं ने गांधी मैदान से रैली निकाल कर इतवारी बाजार, नगर निगम होते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय पहुंची। यहां अतिरिक्त तहसीलदार अखिलेश देशलहरे को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

गांधी मैदान धमतरी में रसोईया सहायिकाओं ने राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओं ने यह भी मांग की है कि रसोईया-सहायिकाओं को शाला विकास समिति से हटाकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी के अधीन रखा जाए। सीटू के संरक्षक समीर कुरैशी ने बताया कि जिले के चारों ब्लाक में 1447 प्राइमरी एवं माध्यमिक स्कूल है जिसमें 2608 रसोईया सहायिका काम कर रही है। एक स्कूल में 25 बच्चों पर एक रसोइया काम कर रही है। वहीं 26 से 100 बच्चों पर एक रसोइया के साथ एक सहायिका काम रही। इस लिहाज से 100 बच्चों पर चार रसोईया को काम करना चाहिए। रसोईया सहायिकाओं का तीन महीने का मानदेय नहीं मिला है। इससे उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। सभी महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर है।दस दिन तक मानदेय आने का इंतजार करेंगे। 30 सितंबर तक मानदेय नहीं मिलने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे। अक्टूबर के पहले हफ्ते में विस्तारित बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।

रसोईया सहायिका अनुसुईया कंडरा,राधा दिली,ललिता साहू, उकेश्वरी साहू,देवबती देवांगन और शांता यादव ने बताया कि तीन महीने का मानदेय नहीं मिला है। इस वजह से आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान है। राखी और तीजा जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार में पैसा नहीं मिला। विधवा पेंशन 1000 मिलता था। उसमें में भी 500 रुपये कटौती कर महतारी वंदन योजना में जोड़कर 1000 रुपये दे रहे हैं। वहीं चुनावी वादे के अनुरूप 50 प्रतिशत वेतन में वृद्धि किया जाए। कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए। जो रसोईया सहायिका 20 – 30 साल से काम कर रहे हैं, उन्हें पेंशन दिया जाएं। रसोईया सहायिका की छंटनी बंद हो। बलियारा,देवपुर,कन्या स्कूल धमतरी,बड़ी करेली,पीपरछेड़ी सहित अन्य स्कूलों में काम से निकले गए रसोईया सहायिकाओं को तत्काल वापस लिया जाएं। प्रदर्शन के दौरान अहिल्या ध्रुव, महेश निर्मलकर,सीता साहू, बालाराम मरकाम,जयश्री गोस्वामी,डीहू राम यादव सहित काफी संख्या में रसोइया सहायिका उपस्थित थी।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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