—भारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा” विषयक संगोष्ठी में 200 शोध पत्र प्रस्तुत होंगे
वाराणसी,20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित शताब्दी कृषि विज्ञान प्रेक्षागृह में शनिवार से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के दिग्गज आयुर्वेद विशेषज्ञ और शोध छात्र जुटेंगे। “भारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा “ विषयक इस संगोष्ठी का उद्घाटन देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूर्वांह्न 9.30 बजे करेंगे। गोष्ठी में देसी नस्ल की गायों से संवर्धन,पंचगव्य चिकित्सा पर मंथन होगा। दो दिनों में 12 सत्रों में चलने वाले संगोष्ठी में 200 शोध पत्र भी प्रस्तुत होंगे। शुक्रवार को संगोष्ठी के आयोजन अध्यक्ष एवं बीएचयू आयुर्वेद संकाय, कायचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. के.एन. मूर्ति ,आयोजन सचिव प्रो. ओ.पी. सिंह,प्रो. सुनंदा पेढेकर,नागपुर देवलापार महाराष्ट्र के गो—विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के समन्वयक सुनील मानसिंहका ने ये जानकारी संयुक्त रूप से पत्रकारों को दी। समन्वयक सुनील मानसिंहका ने बताया कि संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, आसाम, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों से लगभग 300 प्रतिभागी हिस्सा लेकर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगें। इसके अलावा नेपाल के भी विशेषज्ञ शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि गोष्ठी में वैद्य नंदिनी भोजराज, डॉ. संजय वाते, गोविंद वल्लभ पंत कृषि, भारतीय गो.र.सं.के अध्यक्ष प्रो. गुरु प्रसाद सिंह, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से डॉ. आर एस चौहान, गोपाल भाई सुतारिया (वंशी गिर गोशाला, अहमदाबाद ) भी शामिल होंगे। इसके अलावा महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर ए.के. सिंह, परीक्षा नियंता प्रोफेसर सी.के. राजपूत, प्रयागराज से राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के राष्ट्रीय गुरु प्रोफेसर जी. एस. तोमर, मुंबई से पंचकर्म विशेषज्ञ प्रोफेसर यू.एस. निगम, भोपाल से पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर उमेश शुक्ला, राजकीय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज पपरौला के प्रधानाचार्य एवं डीन प्रोफेसर विजय चौधरी, दिल्ली से प्रोफ़ेसर दिलीप वर्मा, पश्चिम बंगाल से प्रोफेसर सुकुमार घोष, -कृषि विशेषज्ञ सिवनी मध्य प्रदेश से डॉक्टर एन.के. सिंह, आई .आई. वी. आर. सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी से डॉक्टर ए.बी. सिंह, रिसर्च कॉम्प्लेक्स फॉर ईस्टर्न रिसर्च, रांची से डॉक्टर ए.के. सिंह के अलावा लगभग 200 एमडी एवं पीएचडी छात्र अपना शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। उन्होने बताया कि इस संगोष्ठी में देशी गाय, गोपालन एवं पंचगव्य चिकित्सा द्वारा जनमानस को होने वाली जीवन शैली जन्य व्याधियों का उपचार जैसे कैंसर, मधुमेह, अवसाद, रक्तचाप, एलर्जी आदि का उपचार के साथ-साथ जैविक खेती (आर्गेनिक फार्मिंग) पर चर्चा की जायेगी।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी