– नए अपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पुलिस मुख्यालय पर गोष्ठी
– पुलिस महानिदेशक ने विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श कर दिए आवश्यक निर्देश
देहरादून, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड (डीजीपी) अभिनव कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को नए अपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए न्याय प्रक्रिया की आवश्यकताओं के अंतर्गत मशीन, उपकरण एवं संयंत्रों की आवश्यकता व आंकलन के संबंध में गोष्ठी हुई। पुलिस महानिदेशक ने विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त थानों को वीडियो क्रांफ्रेसिंग सिस्टम एवं निरीक्षक स्तर से मुख्य आरक्षी स्तर तक सभी अधिकारियों को उपकरणों यथा- टैबलेट, बाडीवार्न कैमरा, मोबाइल क्राइम किट, फिंगर प्रिंट स्कैनर इत्यादि प्रदान किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी संसाधनों का अनुकूल उपयोग हो।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि थाना स्तर पर दिए जाने वाले एफएसएल किट से सम्बन्धित उपकरणों का भी प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। इसके लिए सीमावर्ती राज्यों से एफएसएल किट से सम्बन्धित जानकारी कर ली जाए। घटनास्थल के निरीक्षण के लिए समस्त जनपदों में एक-एक मोबाइल फांरेसिक वैन एवं थाना स्तर पर मोबाइल क्राइम किट विद बाइक प्रदान किए जाने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि न्यायालयों में इलेक्ट्रानिक माध्यम से साक्ष्य दिए जाने के लिए थाना स्तर पर वीडियो क्रांफ्रेसिंग सिस्टम युक्त रूम तैयार किए जाएंगे। इससे पुलिसकर्मियों को काफी सुविधा मिलेगी व समय की बचत होगी। आमजन की वीडियो क्रांफ्रेसिंग के माध्यम से साक्ष्यों (गवाही) के लिए उच्च न्यायालय के प्रदत्त दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर अधिसूचित स्थानों का चिह्नीकरण कर लिया जाए। विभिन्न अभियोगों से सम्बन्धित साक्ष्यों के रख-रखाव के लिए समस्त जनपदों में एविडेंस मैनेजमेंट सेंटर बनाया जाएगा। यह कार्य अभियोजन विभाग करेगा।
डीजीपी ने कहा कि अभियोगों से सम्बन्धित डेटा स्टोरेज के लिए समस्त जनपदों में एक-एक डेटा स्टोरेज सेंटर भी स्थापित जाएगा। न्यायालय की ओर से जारी ई-समन के परिपेक्ष्य में आईसीजेएस एवं सीसीटीएनएस पोर्टल में डेटा इंटिग्रेशन की कार्यवाही सुनिश्चित कर ली जाए। सभी विवेचकों के पास डिजिटल सिग्नेटर (डीएससी) की सुविधा उपलब्ध हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी विवेचक केस डायरी व चार्जशीट इलेक्ट्रानिक रूप से ही न्यायालय को प्रेषित करें। आमजन को नए आपराधिक कानूनों के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा, सतर्कता निदेशक वी. मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एपी अंशुमान, अपर सचिव न्याय रजनी शुक्ला, अपर निदेशक अभियोजन केसर सिंह चौहान सहित समस्त पुलिस महानिरीक्षक, समस्त पुलिस उप महानिरीक्षक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण