Uttar Pradesh

रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से खाद्य पदार्थ हुए जहरीले, जैविक खेती अपनाएं : प्रो. कृष्णेन्दु आचार्य

प्रो कृष्णेन्दु आचार्य

– इविवि में ‘‘जैविक खेती : कृषि का भविष्य’’ विषय पर कार्यशाला

प्रयागराज, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । किसान हमारा भगवान है, जो खुद भूखा रहता है, लेकिन हमारे लिए भोजन का इंतजाम करता है। रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से खाद्य पदार्थ जहरीले होते जा रहे हैं। हमें जैविक खेती को पुनः अपनाना होगा।

यह बातें गुरूवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर की ओर से वनस्पति विज्ञान विभाग में ‘‘जैविक खेती : कृषि का भविष्य’’ और मशरूम की खेती कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो. कृष्णेन्दु आचार्य ने उपस्थित किसानों और छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग से ज्यादातर खाद्य सामाग्रियां जहरीली होती जा रही हैं, जिसके जिम्मेदार हम सभी हैं। इसके लिए जरूरत है कि हम खेती में जैविक खाद का प्रयोग करें जो हमारी लागत को भी कम करेगा, उत्पादन क्षमता में कोई विशेष अंतर नहीं होगा। यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि जैविक खाद लाभकारी, सूक्ष्मजीव विकास को बढ़ावा देने वाले और रोग की रोकथाम के लिए बेहतर है। जैविक उर्वरक के प्रयोग से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

इविवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि प्रो. कृष्णेन्दु आचार्य का स्वागत वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सत्य नारायन ने किया। प्रो. शिवमोहन प्रसाद और पं. दीनदयाल उपाध्याय के अध्यक्ष समन्वयक डॉ मधुरेन्द्र को डॉ. अश्वनी कुमार ने बुके प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. सत्य नारायन व संचालन डॉ. प्रियंका मिश्रा ने किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में सोरांव से आए 25 से अधिक किसानों को प्रो. कृष्णेन्दु आचार्य ने जैविक खाद निर्माण के लिए प्रशिक्षित किया। इस मौके पर डॉ. सोमांजना खटुआ, डॉ. केवट संजय कुमार, डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव, डॉ. श्वेता शेखर, डॉ. अश्वनी कुमार और डॉ. दिनेश यादव मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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