जयपुर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । अपर सिविल न्यायालय उत्तर, महानगर द्वितीय ने जलेब चौक की खाली जमीन पर कब्जे से बेदखल करने से जुड़े मामले में पूर्व राजपरिवार से जुडे महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट का तीस साल पुराना दावा खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि कोवेनेंट की शर्त के अनुसार जब जलेब चौक के रखरखाव का अधिकार ट्रस्ट को नहीं था तो उसने किस कानूनी अधिकार के इस संपत्ति को लाइसेंसधारियों को लाइसेंस पर दे दी।
दावे में कहा गया कि जयपुर रियासत के पूर्व शासक स्वर्गीय महाराजा सवाई मानसिंह बहादुर ने अपने जीवनकाल में इस ट्रस्ट का वर्ष 1959 में गठन किया था। वहीं वर्ष 1972 में ट्रस्ट के चेयरमैन सवाई भवानी सिंह ने इस ट्रस्ट को संपत्तियां दी थी। जलेब चौक की खाली जमीन पर ट्रस्ट ने लाइसेंस पद्धति पर आवेदकों को जगह दे रखी है। जहां आवेदक थडी और टीनशेड लगाकर रोजगार कर रहे हैं। नगर निगम के कर्मचारी 28 जून, 1994 को इन दुकानदारों के पास आए और उन्हें परिसर से हटाने और सामान जब्त करने की बात कही। वहीं अगले दिन निगम ने आकर थडियों और टीन शेड को हटाना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर ट्रस्ट ने अपने चौकीदार नियुक्त कर दिए, ताकि निगम मौके पर कब्जा ना कर सके। दावे में गुहार की गई की निगम को पाबंद किया जाए कि वह मौके पर कब्जा ना करे और उसे बेदखल नहीं करे। इसके विरोध में निगम की ओर से कहा गया कि राजघराने के लोगों ने कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए ट्रस्ट का गठन किया है। जलेबी चौक की खाली जमीन का उपयोग करने का अधिकार ट्रस्ट को नहीं है। जयपुर रियासत के राज्य सरकार में विलय के समय इसका सरकारी उपयोग करने के लिए कब्जा सरकार को दिया गया था। वहीं कोवेनेंट के आधार पर सरकार ही इसकी सार-संभाल कर रही है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने ट्रस्ट के दावे को खारिज कर दिया है। दूसरी ओर इस आदेश को ट्रस्ट की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जिस पर अदालत गुरुवार को सुनवाई करेगी।
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(Udaipur Kiran)