जयपुर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । भ्रष्टाचार मामले में हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर की परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी थी। वहीं अब सरकार मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित करने की तैयारी कर रही है। इसकों लेकर बुधवार को बैठक भी हुई। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अधिकारियों के साथ बैठक लेकर इस मामले में चर्चा की।
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मुनेश गुर्जर मामले को लेकर फाइल मेरी टेबल पर पहुंच चुकी है। अब अधिकारियों के साथ चर्चा कर नियमानुसार इस पर अंतिम फैसला लेंगे। लेकिन जो भी न्याय संगत कार्रवाई है, उसे जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा। वैसे भी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में इस मामले पर ज्यादा कुछ कहना फिलहाल संभव नहीं है। मैं फाइल देखने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी कर पाऊंगा।
मुनेश गुर्जर पर जो भी फैसला होगा। इसके बाद ही कार्यवाहक मेयर को लेकर पार्षदों से चर्चा की जाएगी। जो भी पार्षद राजनीति की समझ रखता होगा, जिसमें शैक्षणिक योग्यता होगी, उसे पैमाना मानकर ही कार्यवाहक मेयर चुना जाएगा। वर्तमान मेयर के खिलाफ हमारे पास कांग्रेसी पार्षद भी आए हैं। उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया है कि हमारी मेयर ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। ऐसे में कार्यवाहक मेयर बनाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
कल होनी है हाईकोर्ट की सुनवाई
दरअसल, मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने को रिकॉर्ड पर लेकर दो सप्ताह बाद सुनवाई होनी है। जस्टिस एनएस ढड्ढा ने यह निर्देश सुधांशु सिंह ढिल्लन की याचिका पर दिया था। इसके बाद डीएलबी ने एक्शन लेते हुए 11 सितंबर बुधवार को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में डीएलबी ने मुनेश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर जवाब मांगते हुए तीन दिन का समय दिया था। इस नोटिस पर मेयर ने जवाब नहीं देते हुए कोर्ट में सरकार की कार्यवाही के खिलाफ मंगलवार शाम को याचिका दायर कर दी है। ऐसे में अब सरकार को गुरुवार को मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ फैसला कर कोर्ट में जवाब देना होगा।
यह पूरा मामला
मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की पट्टे बनाने की एवज में 41 लाख रुपये की रिश्वत मामले में गिरफ्तारी हुई थी। उन पर आरोप था कि पट्टे जारी करवाने के लिए दो दलालों के जरिए रिश्वत मांगी गई थी। सुशील के साथ दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था। उस वक्त एसीबी ने मेयर के घर से तलाशी ली तो पट्टे की फाइलें मिली थीं। साथ ही 41 लाख रुपये नकद मिले थे। वहीं नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपये मिले थे। तब से ही एसीबी की ओर से इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश