Uttar Pradesh

राजभाषा हिन्दी में कार्य करना अब और भी आसान : कुलसचिव

राजभाषा पखवाड़ा

प्रयागराज, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजभाषा नीति से सम्बंधित प्रतियोगिता के साथ ही राजभाषा पखवाड़ा आरम्भ हो गया। कुलसचिव और राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष प्रो.आशीष खरे ने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय अकादमिक और प्रशासनिक रूप से आगे बढ़ रहा है। राजभाषा हिन्दी में कार्य करना अब और भी आसान हो गया है। तकनीक के दौर में विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर के माध्यम से हम हिन्दी में बोलकर भी काम कर सकते हैं। 15 दिवसीय राजभाषा विभाग का यह कार्यक्रम कर्मचारियों में हिन्दी की समझ तो विकसित करेगा ही वित्तीय सहयोग भी उनको प्रदान करेगा।

राजभाषा कार्यान्वयन समिति के समन्वयक प्रो. संतोष भदौरिया ने कहा कि राजभाषा अनुभाग ने हमेशा विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं, जो लगातार जारी हैं। आज हिन्दी भाषा में रोजगार की असीम सम्भावनाएं हैं, किंतु इसमें मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इविवि के कार्मिकों और विद्यार्थियों को ऐसी प्रतियोगिताओं में अवश्य भाग लेना चाहिए।

जनसम्पर्क अधिकारी प्रोफेसर जया कपूर ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति के नेतृत्व में राजभाषा हिन्दी को गति मिली है। हमारी तिमाही रिपोर्ट सही समय पर विश्वविद्यालय द्वारा मंत्रालय को प्रेषित की जाती है। राजभाषा हिन्दी की एकरूपता के लिए विश्वविद्यालय में आदेश जारी किए गए हैं।

डॉ. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि हिन्दी भाषा गंगा की तरह है। जिस तरह गंगा में विभिन्न सहायक नदियां समाहित होती हैं फिर भी गंगा की पवित्रता बची रहती है। इसी प्रकार हिन्दी है। हिन्दी में भी क्षेत्रीय बोलियां और न जाने कितनी भाषाओं के शब्दों को अपने अंदर समाहित कर रखा है। प्रो. नरेंद्र कुमार शुक्ल, डीन, सीडीसी ने कहा हिन्दी में कार्य करना हमारी विधिक और संवैधानिक जिम्मेदारी तो है ही हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। हम जिस भाषा में वार्तालाप करते हैं वो हमारी मातृभाषा है।

धन्यवाद ज्ञापित करते हुए हिन्दी विभाग के प्रो कुमार वीरेंद्र ने कहा कागजी कार्यों के अलावा राजभाषा अनुभाग सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से भी हिन्दी का प्रचार प्रसार कर रहा है। यह एक सुखद अनुभूति है। कुलपति के अनुमोदनोपरांत इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 18 सितम्बर से राजभाषा पखवाड़ा आरम्भ हो रहा है। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रत्येक प्रतियोगिता में चार पुरस्कार क्रमशः प्रथम रू 3000, द्वितीय रू 2500, तृतीय रू 2000, सांत्वना रू 1500 तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे। संचालन राजभाषा अनुभाग के हिन्दी अनुवादक हरिओम कुमार ने किया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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