ग्वालियर, 17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । विदाई की बेला में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी से आई मजबूत मौसम प्रणाली के प्रभाव से शहर में बारिश का एक और दौर शुरू हो गया है। दोपहर से शाम तक रुक-रुककर बारिश होती रही। शाम 5:30 बजे तक शहर में 19.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बारिश का क्रम अगले दो से तीन दिन तक जारी रहने की संभावना है जबकि अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
पिछले चार दिन से मौसम शुष्क था लेकिन मंगलवार को सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए हुए थे। दोपहर लगभग एक बजे के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई जो 10 से 15 मिनट तक जारी रही। डेढ़ बजे के बाद आसमान में काली घटनाएं नजर आने लगीं। इसी के साथ छुटपुट बूंदाबांदी से शुरू हुई बारिश दोपहर लगभग दो बजे से तेज हो गई। इस दौरान आधा घंटे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद काफी देर तक छुटपुट बंूदाबांदी होती रही। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ तीव्र निम्न दबाव का क्षेत्र गंगीय पश्चिम अंगाल और झारखंड होते हुए मंगलवार को छत्तीसगढ़ और उससे सटे पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश के ऊपर पहुंच गया है। मानसून की अक्षीय रेखा भी इसी मौसम प्रणाली के साथ चल रही है। इसके अलावा उत्तरी हरियाणा में भी चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। इन मौसम मौसम प्रणालियों के प्रभाव से बारिश का क्रम शुरू हो गया है। ग्वालियर एवं चंबल संभाग में अगले 24 घंटे के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। बारिश का क्रम रुक-रुककर 19 सितम्बर तक जारी रह सकता है।
ग्वालियर शहर में इस बार मानसूनी बारिश ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एक जून से अब तक कुल 1064.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र में मौजूद 1990 से अब तक के रिकॉर्ड अनुसार शहर में मानसून सजीन में इतनी बारिश पहले कभी नहीं हुई। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार आज अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस पर रहा जो औसत से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम है जबकि न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 80 प्रतिशत दर्ज की गई जो औसत से 02 प्रतिशत अधिक है जबकि शाम को हवा में नमी 100 प्रतिशत दर्ज की गई जो औसत से 33 प्रतिशत अधिक है। यहां बता दें कि बीते बुधवार एवं गुरुवार को ग्वालियर एवं चंबल संभाग में हुई भारी बारिश से नदी-लाने उफान पर आने से कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। अति वृष्टि से खरीफ फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। कई क्षेत्रों में अभी तक जीवजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। ऐसे में यदि फिर से भारी बारिश हुई तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा