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नेपाली मूल के अतिक्रमण व गलत दस्तावेज तैयार करने पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने नेपाली मूल के निवासियों की ओर से नैनीताल के आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण व गलत तरीके से भारत के दस्तावेज तैयार कर कब्जा किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही न्यायालय ने यह भी बताने को कहा है कि सरकार ने इस पर क्या एक्शन लिया।

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पवन जाटव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बीते कई वर्षों से नेपाल से आए लोगों ने नैनीताल शहर व नैनीताल जिले के ग्राम सभा के खुरपाताल के तोक खाड़ी स्थित बजून चौराहे के पास करीब 25 परिवार ने सरकारी व नजूल भूमि पर कब्जा करके आवासीय निर्माण कर लिया है। इन लोगों ने ना ही कोई नागरिकता हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया और ना ही किसी तरीके से भारत देश की नागरिकता हासिल की तथा अवैध तरीके से यहां के दस्तावेज बनाकर जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइ‌विंग लाइसेंस, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवाएं कार्ड अवैध तरीके से बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। साथ ही वोटर लिस्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड बनाकर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराकर पानी बिजली के कनेक्शन आदि अवैध तरीके से हासिल कर लिए। इस संबध में कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन व राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई निराकरण नहीं हुआ। यही नहीं, ये लोग ड्रग्स की तस्करी तक कर रहे हैं। इससे यहां के युवा बर्बाद हो रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से प्रार्थना की गई कि इस तरह की अवैध गतिविधिओं पर रोक लगाई जाए। जिन अधिकारियों ने उन्हें ये प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनके विरुद्ध विभागीय व दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाएं।

(Udaipur Kiran) / लता

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