लखनऊ, 17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए विश्व डेटाबेस में शीर्ष दो प्रतिशत वैश्विक वैज्ञानिकों में लखनऊ विश्वविद्यालय के पांच वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है। प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में भौतिकी विभाग से प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला, डॉ. सी.आर. गौतम, डॉ. रोली वर्मा, जबकि रसायन विज्ञान विभाग से प्रोफेसर अभिनव कुमार और डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ शामिल हैं। प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला, सैद्धांतिक परमाणु भौतिकी और तापीय ऊर्जा भंडारण पर अपने अनुकरणीय शोध कार्य के कारण सुर्खियों में हैं।
उनके 200 से अधिक शोध पत्र आज तक प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें से लगभग 75 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शामिल हैं। उनके नाम 10 पुस्तकें भी हैं, जो प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं। डॉ. सी.आर. गौतम सिरेमिक सामग्री के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उन्होंने दंत चिकित्सा और अस्थि प्रत्यारोपण सहित जैविक अनुप्रयोगों के लिए सफलतापूर्वक नवीन सामग्री विकसित की है! जबकि डॉ. रोली वर्मा ने प्लास्मोनिक और फोटोनिक नैनोस्ट्रक्चर और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम किया, जिसने उन्हें शीर्ष पर पहुंचाया। उनके शोध कार्य का उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाना रहा है।
वहीं, प्रो. अभिनव कुमार का काम संक्रमणकालीन धातुओं, पॉलिमर (सीपी), धातु-कार्बनिक संरचनाओं (एमओएफ) और डाई-सेंसिटाइज्ड सौर कोशिकाओं के क्षेत्र में रहा है। इस प्रकार के शोध के पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में कई उपयोग हैं, जिसमें दवा निर्माण और ऊर्जा क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। रसायन विज्ञान से डॉ. वशिष्ठ पृथक्करण विज्ञान, मैक्रोसाइक्लिक कॉम्प्लेक्स, चिरल पृथक्करण, बायोएनालिटिकल रसायन विज्ञान के क्षेत्र में सक्रिय शोधकर्ता हैं, जिनका पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में विशेष अनुप्रयोग है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इन प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि हम छात्रों और शिक्षकों की विशिष्ट उपलब्धियों के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय का झंडा इसी तरह ऊंचा फहराते रहेंगे।
डेटाबेस में वैज्ञानिकों को स्थापित साइंस-मेट्रिक्स वर्गीकरण प्रणाली का उपयोग करके अलग-अलग वैज्ञानिक क्षेत्रों और 174 उप-क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। अगस्त 2024 के अंत तक उनके पूरे करियर के डेटा को अपडेट किया गया है और सबसे हाल के वर्ष का डेटा शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में प्राप्त उद्धरणों की संख्या को दर्शाता है।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय