बोली—मोदी किसी फरिश्ते से कम नहीं,मुस्लिम महिलाओं को इज्जत से जीने का माहौल दिया
वाराणसी,17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को विश्व विजेता मोदी कार्यक्रम का आयोजन लमही स्थित सुभाष भवन में किया गया। सुभाष भवन में जुटी मुस्लिम महिलाओं ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन ढोल की थाप और गीत गाकर मनाया। लड्ड़ू का भोग लगाया, सोहर गाया और दीप जलाकर अल्लाह से मोदी के लम्बी उम्र एवं कामयाबी की दुआ मांगी। हिन्दू-मुस्लिम महिलाएं मोदी के कार्यों और नीतियों से प्रभावित हैं। 70 साल की बिटुना देवी ने तो झोली भर के आशीर्वाद दिया, क्योंकि इसी बार प्रधानमंत्री मोदी ने 70 साल के बुजुर्गों को बीमारी में सारा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की नीति बनाई है। हाथों में मोदी का पोस्टर और चेहरे पर खुशी इस बात की गवाही दे रही थी कि मुस्लिम महिलाओं के लिए मोदी किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। मौलानाओं और कट्टरपंथियों की धमकी से डरे बिना और वोट की चिंता किये बिना प्रधानमंत्री मोदी ने मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिये बड़ा कदम उठाया। तीन तलाक, वक्फ बोर्ड, समान नागरिक कानून, शिक्षा में सुधार कर मोदी ने मुसलमानों के हालात बदल दिए। इस अवसर पर फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि विश्व विजेता नरेन्द्र मोदी किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। चारो ओर मुसीबतों से घिरी हुई मुस्लिम महिलाएं धार्मिक कट्टरपंथियों की गुलाम बन चुकी थीं, उन्हें सम्मान से जीने, बोलने और काम करने का कोई हक नहीं था। मोदी ने अपने वोट की चिंता नहीं की, अपने सरकार की चिंता नहीं की और न ही अपनी जान की चिंता की। बस मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बचाने के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया। आज मोदी का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। इतिहास इस बात का गवाह रहेगा कि कट्टरपंथियों की गुलामी से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई। हम उनके हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे। विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि वोट के लालचियों ने मुस्लिम महिलाओं को गुलाम बनाये रखने की वकालत की, लेकिन मोदी ने बिना किसी की परवाह के हमारी मुक्ति के लिए सर्वस्व अर्पण कर दिया। आज रूस, अमेरिका और इंग्लैण्ड सब मोदी की बात सुन रहे हैं। दुनिया को लग रहा है कि हिंसाग्रस्त दुनिया को मोदी ही बचा सकते हैं। हम लोग सौभग्यशाली हैं जो इस युग में जन्म लिए है कि प्रधानमंत्री मोदी को अपनी आँखों से देख रहे हैं। इनकी कहानियां कई पीढ़ियों तक सुनाई जाती रहेंगी। डॉ. अर्चना भारतवंशी ने कहा कि मोदी ने सिर्फ अपने देश की चिंता नहीं की बल्कि कोरोना में दुनिया भर को वैक्सीन दिया। वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्शों को अपना कर विश्व में शांति और समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में खुर्शीदा, राबिया, शाईना परवीन, रुकैय्या बीबी, नूरजहां, नगीना, पूनम, सारिका, पार्वती, रमता, रीता, श्यामदुलारी, धनेसरा, चिंता, सरोज, कविता, अर्चना, कलावती आदि ने भागीदारी की।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी