शिमला, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पन बिजली में सर्वाधिक सफलता के लिए हिमाचल प्रदेश को सम्मानित किया है। इसके लिए कुमार ने हिमाचल प्रदेश के 70 लाख लोगों को और निजी क्षेत्र को बधाई दी है। याद रहे निजी क्षेत्र के सहयोग के बिना यह सफलता प्राप्त नही हो सकती थी।
शान्ता कुमार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि मैं प्रभु का धन्यवाद करता हूं, क्योंकि पूरे देश में पन बिजली में निजी क्षेत्र को लाने की पहल वर्ष 1990 में मेरे नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने की थी। वर्ष 1977 में ही हिमाचल के विकास के लिए साधन जुटाने के लिए हिमाचल के पानी से बिजली पैदा करने का विचार कुछ योग्य अधिकारियों ने मुझे दिया था। तब मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश में पन बिजली के लिए केन्द्र से मदद करें। सरकार के पास धन नही है तो निजी क्षेत्र को बुलाने की बात सोची जाए। परन्तु वह युग समाजवाद का था, मेरी बात नही सुनी गई। उन्होंने कहा कि दूसरी बार 1990 में मुख्यमंत्री बनने पर पहले मन्त्रिमण्डल का पहला प्रस्ताव यही था कि हिमाचल प्रदेश में पन बिजली के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया जाए। फिर मुझे पता लगा कि केन्द्रीय कानून के अनुसार निजी क्षेत्र काे कोई योजना नहीं दी जा सकती, इस पर मैं बहुत चिन्तित हुआ। मैं दिल्ली गया, अटल ने वित्त मंत्री मनमोहन सिंह से मिलने की सलाह दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता कुमार ने कहा कि मुझे आज भी याद है, जब मनमोहन सिंह से जाकर मैंने यह बात बताई तो वे खुशी से उछल पड़े और उनके मुंह से निकला कोई प्रदेश तो है, जो मेरे सपने को पूरा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि वे 15 दिन में केन्द्रीय कानून में संशोधन का प्रस्ताव लोकसभा में पेश कर देंगे। संशोधन पास हुआ फिर मैं शिमला में बैठकर निजी क्षेत्र के लोगों से सम्पर्क करने लगा। एक महीने के अन्दर ही जयप्रकाश गौड और उनके सहयोगी मुझसे मिले और मेरा धन्यवाद किया और कहने लगे हम एक परियोजना करने के लिए तैयार है। भारत के इतिहास में यह ऐतिहासिक क्षण था। समझौता हुआ और भारत के इतिहास की निजी क्षेत्र की पहली परियोजना वासपा हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई।
शान्ता कुमार ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आज पूरे भारत में निजी क्षेत्र में पन बिजली योजना आगे बढ़ रही है। यह रास्ता आज से लगभग 34 साल पहले हिमाचल प्रदेश ने ही दिखाया था। मैं उन सभी अधिकारियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे सबसे पहले यह विचार दिया और जयप्रकाश गौड का भी धन्यवाद करता हूं। यह सबसे पहले एक नया इतिहास बनाने के लिए मेरे पास आये थे।
—————
(Udaipur Kiran) शुक्ला