धमतरी, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । शहर एवं ग्रामीण अंचल में गणेशोत्सव पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। 17 सितंबर को प्रत्येक पंडालों में सुबह से हवन पूजन होगा। हवन के बाद से गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो जाएगा। विसर्जन देर शाम तक चलेगा। आज 17 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों की स्थापना के साथ पूजा अर्चना की जाएगी। जबकि 16 सितंबर को कई जगह हवन-पूजन के बाद भगवान गणेश की मूर्तियों को श्रद्धा-भक्ति के साथ विसर्जित किया गया।
धमतरी शहर के आमापारा, मठ मंदिर चौक, बालक चौक, सदर बाजार, बनिया तालाब, साल्हेवार पारा, कोष्टापारा, कुम्हार पारा, गणेश चौक, रामबाग, दानीटोला, बम्हचौक, रूद्री रोड, रामसागरपारा, बनियापारा, ब्राम्हमण पारा, मराठापारा, सोरिद जोधापुर, रत्नाबांधा रोड समेत विभिन्न वार्डों सहित चौक-चौराहों में गणेश उत्सव समितियों द्वारा 200 से अधिक छोटी-बड़ी गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। कई जगहों पर झांकी भी बनाई गई है। जिसे देखने के लिए रात 10 बजे तक दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है। ग्रामीण अंचल में भी गणेश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। 17 सितंबर को हवन पूजन होगा। इसके बाद विसर्जन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। शहर की गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए रूद्री महानदी घाट में नगर निगम की ओर से सभी तैयारी की गई है। वहीं कई गणेश समितियों के पदाधिकारी व सदस्यों ने 16 सितंबर को ही हवन-पूजन के बाद रूद्रेश्वर मंदिर किनारे महानदी में पूजा-अर्चना कर श्रद्धा-भक्ति के साथ बप्पा को अंतिम विदाई दी। शहर के सोरिद वार्ड समेत कई गांवों में विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया है।
भगवान विश्वकर्मा की होगी स्थापना
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की स्थापना होगी। कल कारखाने, उद्योग फैक्ट्रियों में विशेष पूजा अर्चना होगी। बाम्बे गैरेज के पास भगवान विश्वकर्मा की स्थापना होगी। वहीं राजमिस्त्री संघ द्वारा घड़ी चौक के पास विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति को बाजेगाजे के साथ लाकर स्थापित किया जाएगा। दूसरे दिन कल 18 सितंबर को मूर्तियों का विसर्जन होगा। मालूम हो कि धमतरी शहर व आसपास के कुछ गांव में बीते कुछ सालों से ही भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की जा रही है। मूर्ति स्थापना के बाद मजदूर समूह में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते हैं। शहर के कुम्हारापारा में मूर्तियों को विशेष आर्डर पर बनाया जाता है। धमतरी के अलावा आसपास के गांव तक यहां से भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियां ले जाई जाती है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा