Uttrakhand

जिस कार्य से सभी का विकास हो, वही विज्ञान का सही अर्थ है : डॉ. सत्यपाल सिंह

कार्यक्रम के दौराम मंचासीन अतिथि

हरिद्वार, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिस कार्य से सभी का विकास हो, वही विज्ञान का सही अर्थ है। मानव ने अपने अल्प लाभ के लिए अपने को प्रकृति व प्राकृतिक संसाधनों से दूर होकर विभिन्न प्रकृति विरोधी कार्यों को तेजी से विकसित करने का कार्य किया है, जिसके दुष्परिणाम वातावरण में हमारे सामने आ रहे हैं, जिसका असर हमारे दैनिक जीवन पर तेजी से पड़ रहा है। वहीं इससे हमारा प्राकृतिक संन्तुलन भी अछुता नहीं रहा है।

यह उद्गार गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह ने गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सभागार में अंतर्राष्टीय ओजोन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि हमारे विद्यार्थियों को यहां से यह संकल्प लेकर जाना चाहिए की वह प्रकृति के विरुद्ध जाकर कोई ऐसा कार्य अपने जीवन में नहीं करेगें, जिसके दुष्परिणाम हमारे वातावरण व मानव जीवन पर पड़े। उन्होंने लोगों से दैनिक जीवन में यज्ञ करने का आह्वान किया। यज्ञ से वातावरण शुद्धी होती है।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा सदैव प्राकृतिक संतुलन के प्रति सजगता रखते हुए कार्य करने की दिशा में अग्रणीय भूमिका का निर्वहन किया गया है। विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में होने वाले मंथन से जो सार निकलेगा वह निश्चय ही समाज व युवाओं का मार्गदर्शन करेगा, जिसके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में देश व समाज में देखने को मिलेगे।

कुलसचिव प्रो सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कार्यशाला के आयोजन के लिए विभाग को साधुवाद दिया।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. गुलशन ढींगरा ने विस्तार से इस बारे में जानकारी देते हुए प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत कर लोगों से इस बारे में सजग रहने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि यदि समय रहते हम सजग नहीं हुए तो तेजी से घटती ओजोन परत के चलते होने वाले नुकसान की पूर्ति होना बहुत हद तक असंभव होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने आस पास के क्षेत्रों में सफाई तथा आधुनिक जीवन में उपयोगी संसाधनो जैसे अत्यधिक वाहनों के प्रयोग व एसी के प्रयोग पर अंकुश लगाना होगा, जिससे की कुछ हद तक इनसे निकलने वाली दूषित वायु के प्रभाव से बचा जा सके।

विशिष्ट अतिथि डाॅ. रीमा पंत ने अपने आस पास के क्षेत्र में सजगता से साथ जीवन शैली जीवन यापन करने का अनुरोध उपस्थित लोगों से किया। उन्होंने कहा कि अपने स्तर से छोटे छोटे प्रयास के माध्यम से ही हम समाज में कुछ बड़ा करने की दिशा में अग्रसर हो सकते है, इसके लिए हमें स्वयं से पहल करने के लिए आगे आना होगा।

डीन ग्रीन ऑडिट प्रो. डीएस मलिक, संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष डॉ. नमिता जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. संगीता मदान ने किया। इस अवसर पर विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रो. एल पी पुरोहित, प्रो. प्रभात कुमार प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो.नवनीत, प्रो सीमा शर्मा, प्रो. सुरेखा राणा, प्रो. मयंक अग्रवाल, डा. राकेश भूटियानी, डॉ. नितिन काम्बोज, डा. विनोद कुमार, डा. गगन माटा, डाॅ. विवेक शर्मा, डॉ बबलू आर्य, डॉ. पवन, डाॅ. अजेन्द्र कुमार, डाॅ. अजय मलिक, डाॅ. धर्मेन्द्र बालियान, डाॅ. हरेन्द्र, डॉ. विपिन कुमार, डाॅ. संदीप कुमार, कुलभूषण शर्मा, हेमंत सिंह नेगी, सुशील कुमार, महेश कुमार, दिलावर सिंह वीरेन्द्र सिंह सहित विभिन्न शोध छात्र तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

Most Popular

To Top