पटना, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षन के अंतर्गत विभिन्न चरणों में कई महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल की गई हैं, जो कि रैयतों के लिए लाभदायक साबित होंगी। अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन 25 जुलाई से 24 अगस्त 2025 तक होगा।
सर्वे के तहत रैयतों को जागरूक करने के लिए राजस्व गांवों में शिविर आयोजित किये गए हैं। वहीं, अब त्रिसीमाना और ग्राम सीमा का निर्धारण खेसरा वार सत्यापन 01 से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। यह चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भूमि की सीमाओं का सही निर्धारण किया जाएगा। इससे रैयतों को अपनी जमीन के संबंध में स्पष्ट जानकारी प्राप्त होगी और जमीन के विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
खानापुरी रैयतों के स्वामित्व संबंधी कागजात का संकलन 01 नवम्बर से 15 नवम्बर तक होगा। इस प्रक्रिया के तहत, रैयतों को अपने स्वामित्व के कागजात को एकत्रित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी संपत्ति के अधिकार को सुनिश्चित कर सकेंगे। इसके बाद, रैयतों के बीच खानापुरी पर्चा का वितरण और दावा आपत्ति 16 से 25 जनवरी, 2025 तक होगा। यह प्रक्रिया रैयतों को अपनी संपत्ति के अधिकार को स्थापित करने में मदद करेगी। इसके बाद रैयतों को अपनी आपत्तियों का समाधान करने का अवसर भी मिलेगा।
आपत्तियों का निपटारा 16 फरवरी से 15 मार्च तक किया जाएगा। इस दौरान, रैयत अपनी आपत्तियों को प्रस्तुत कर सकेंगे, जिनका निपटारा संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इसके बाद प्रथम विश्रांति 16 से 22 मार्च तक होगी, जहां रैयतों को अपनी भूमि के अधिकारों के संदर्भ में जानकारी प्राप्त होगी। प्रारुप अधिकार का प्रारूप प्रकाशन 22 मार्च से 23 अप्रैल तक किया जाएगा, जिसमें रैयतों को अपनी भूमि के अधिकारों के प्रमाण के लिए दस्तावेज़ प्राप्त होंगे। आपत्तियों का निपटारा फिर से 24 अप्रैल से 22 जून तक होगा, जिसमें रैयत अपनी समस्याओं को हल कर सकेंगे।
द्वितीय विश्रांति और बंदोबस्ती लगान 09 से 24 जुलाई, 2025 तक की जाएगी, जो रैयतों को उनकी भूमि के संबंध में अंतिम निर्णय लेने का अवसर देगी। अंत में अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन 25 जुलाई से 24 अगस्त तक होगा, जिसमें रैयतों के अधिकारों को आधिकारिक रूप से मान्यता मिलेगी। यह कार्यक्रम रैयतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके स्वामित्व संबंधी दस्तावेजों की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। रैयतों को यह सुनिश्चित करने का मौका मिलेगा कि उनके अधिकारों का सही तरीके से सम्मान किया जा रहा है और किसी भी प्रकार के विवाद का समाधान किया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी