– योगी सरकार प्रदेश को पंप स्टोरेज प्लांट्स का बनाना चाहती है हब, कुल छह पंप प्लांट्स की स्थापना को लेकर तेजी से होगा काम
लखनऊ, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्तम प्रदेश बने, इसके लिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों और रिकॉर्ड ऊर्जा खपत जरूरतों के बीच सीएम योगी के विजन अनुसार क्लीन एनर्जी सेक्टर पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। इस क्रम में, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही अब योगी सरकार हाइड्रो बेस्ड पंप प्रोजेक्ट्स को भी बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी का विजन है कि उत्तर प्रदेश पंप स्टोरेज प्लांट्स का हब बने, ऐसे में प्रदेश में मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र इस दिशा में भूमिका निभाने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि इन पंप प्लांट्स का प्रदेश में सबसे बड़ा हब मीरजापुर बनने जा रहा है जहां विभिन्न कैपेसिटी के 4 प्लांट्स की स्थापना की जाएगी। वहीं सोनभद्र में लगने वाला पंप स्टोरेज प्लांट सबसे ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करने वाला होगा। चंदौली में भी पंप स्टोरेज प्लांट की स्थापना की जाएगी।
छह प्लांट्स के जरिए होगा 4730 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन
योगी सरकार इन सभी छह प्लांट्स के जरिए प्रदेश में कुल मिलाकर 4,730 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। खास बात यह भी है कि इन सभी प्लांट्स को अगस्त के बीच में क्लीयरेंस दे दी गई है और अब इनकी स्थापना, निर्माण व विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ होने वाली है। उल्लेखनीय है कि इन छह प्लांट्स के अतिरिक्त सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर में अन्य पंप स्टोरेज प्लांट्स को लेकर भी एक्मे, अवाडा व ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम के पास ‘इन प्रिंसिपल अप्रूवल’ है और इन सभी परियोजनाओं पर तेजी से कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार द्वारा निर्देश दिए जा चुके हैं।
सोनभद्र में होगा सबसे बड़ा प्लांट, 1250 मेगावॉट होगी कैपेसिटी
सीएम योगी के विजन अनुसार, परियोजना के अंतर्गत सबसे पहले इसी वर्ष 30 मई को सोनभद्र के गर्हावा में 1250 मेगावॉट कैपेसिटी का हाइड्रो पंप स्टोरेज प्लांट लगाने की स्वीकृति मिली थी। एक्वाग्रीन इंडीनियरिंग मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसे डेवलप किया जा रहा है और यह ऑफ स्ट्रीम लूप पंप प्रोजेक्ट होगा। यहां दो रिजर्वयर में सोन नदी का पानी पंप करके स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी जिसके बाद रिजर्वॉयर से 4.6 किलोमीटर दूर पंप इनटेक वेल की स्थापना की जाएगी। 6100.62 करोड़ रुपये की धनराशि के जरिए सभी निर्माण व विकास कार्यों को परियोजना के अंतर्गत पूरा किया जाएगा। वहीं, चंदौली के मुबारकपुर में इसी वर्ष 8 अगस्त को 600 मेगावॉट कैपेसिटी के हाइड्रो पंप स्टोरेज प्लांट के निर्माण को स्वीकृति मिली थी। इसका निर्माण एक्मे ऊर्जा टू प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है और यह क्लोज्ड लूप स्टोरेज हाइड्रो प्रोजेक्ट होगा। यहां भी अपर रिजर्वॉयर व लोअर रिजर्वॉयर मैकेनिज्म से ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा और परियोजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को 3544.81 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा।
मीरजापुर में चार प्लांट्स के जरिए 3480 मेगावॉट ऊर्जा का होगा उत्पादन
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मीरजापुर में पंप स्टोरेज प्लांट्स के प्रोजेक्ट के जरिए योगी सरकार 3480 मेगावॉट ऊर्जा उत्पन्न करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। परियोजना के अंतर्गत 26 जून से 29 अगस्त के बीच कुल चार पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स की स्थापना को हरी झंडी मिली है। इनमें अवाडा ग्रुप द्वारा कटरा में 4410 करोड़ रुपये की लागत से 630 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम पंप स्टोरेज प्लांट का निर्माण व विकास कार्य किया जाएगा। जबकि, रेन्यू द्वारा गांव कालू पट्टी में 3350 करोड़ रुपये की लागत से 600 मेगावॉट व बबूरा में 4100 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावॉट कैपेसिटी वाले प्लांट्स का निर्माण, विकास व संचालन किया जाएगा। इसी प्रकार, मीरजापुर के ही बबूरा रघुनाथ सिंह गांव में ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम द्वारा 3946.12 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावॉट विद्युत ऊर्जा का उत्पादन में सक्षम पंप स्टोरेज प्लांट के स्थापना, निर्माण व विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन सभी पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया भी जल्द पूरी होने जा रही है, जिसके बाद परियोजना को गति देने में मदद मिलेगी।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला