गुना, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के चांचौड़ा क्षेत्र में एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता ही बेटी का हत्यारा निकला। उसने अपनी आठ साल की बेटी की दुष्कर्म के बाद पत्थर पर सिर पटककर हत्या कर दी। फिर पत्थर से हाथ-पैर बांधकर शव को कुएं में फेंक दिया। कुएं से शव मिलने के बाद पुलिस की जांच में पिता की हैवानियत सामने आई। रविवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि जन्म से ही बच्ची से नफरत करता था। वह लड़का चाहता था।
चांचौड़ा थाना प्रभारी मचल सिंह मंडेलिया ने बताया कि बच्ची बुधवार से लापता थी। परिवारवालों ने थाने में उसकी गुमशुदर्गी दर्ज कराई थी। गांव वालों ने आशंका जताई थी कि बच्ची गांव से गुजर रहे नाले में गिर गई होगी। तेज बहाव में बह गई। इसके बाद पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को बुलाया था। तीन दिन से उसकी तलाश की जा रही थी। इस बीच, शनिवार को कुएं में बच्ची का शव दिखा। उसका एक हाथ और पैर पत्थर से बंधा था। पुलिस ने शव निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया। शव परिजनों को सौंपकर जांच शुरू की।
थाना प्रभारी मंडेलीय ने बताया कि बच्ची के लापता होने के बाद से ही उसके पिता पर शक था। कारण- वह दिनभर घर पर ही रहता था। बच्ची के दादा ने ही सारी कार्रवाई की। पिता ने जांच के दौरान सहयोग भी नहीं किया। गांव वालों से पूछताछ में किसी ने भी उसके प्रति पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं दिया। पूछताछ में पता चला कि आखिरी बार बच्ची को पिता के साथ ही देखा गया था। रविवार सुबह बच्ची का अंतिम संस्कार होते ही आरोपी पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सख्ती करने पर उसने वारदात कबूल कर ली। आरोपी ने बताया कि पहले तौलिया से बच्ची का एक हाथ और पैर बांधा। इसके बाद उसे कुएं में फेंक दिया। इससे पहले खेत पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म भी किया था।
थाना प्रभारी मंडलीय के अनुसार, बालिका के साथ जन्म से ही दुर्व्यवहार के चलते मां उसे मायके में छोड़ आई थी। बालिका इसी साल कक्षा तीन में आई थी। इस पर मां ने सोचा कि अब काफी समय हो गया है। पति को भी उसके साथ रहने में कोई ऐतराज नहीं होगा, लेकिन उसे क्या पता कि आठ साल बाद भी उस मासूम बच्ची के प्रति नफरत दिल में छुपाकर बैठा है। मां ने बेटी को अपने पास बुलाकर गांव के स्कूल में 10 साल बड़े भाई के साथ दाखिला करा दिया था। परिवार में मां-बेटी, पिता-पुत्र और दादा रह रहे थे। गत 11 अगस्त को दोपहर में बालिका भाई के साथ खेत पर भुट्टे तोड़ने गई, तो वापस नहीं आई।
(Udaipur Kiran) तोमर