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भारत-बांग्लादेश कानपुर टेस्ट : ऐतिहासिक मैनुअल स्कोरबोर्ड का नहीं होगा इस्तेमाल

ऐतिहासिक स्कोर बोर्ड के बिना ग्रीनपार्क में खेलेगी बांग्लादेश की टीम

कानपुर, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 19 सितंबर से होने जा रहा है। पहला मैच चेन्नई में, जबकि दूसरा मैच यहां कानपुर में खेला जाएगा। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 27 सितम्बर से दूसरा टेस्ट मैच होगा। इसकी तैयारियां इन दिनों जोरों पर है, पर लोगों की निगाहें यहां पर बने ऐतिहासिक मैनुअल स्कोरबोर्ड पर है। अबकी बार इस स्कोर बोर्ड पर खिलाड़ियों के नाम और रन नहीं दिखाई देंगे। ग्रीन पार्क में इससे पहले विश्व क्रिकेट की सभी बड़ी टीमों के मैच का गवाह ग्रीनपार्क स्टेडियम में स्थापित स्कोर बोर्ड रहा है जिसकी प्रशंसा यहां पर खेल चुकी सभी देश की टीमों के कप्तान और उनका प्रबंधन कर चुका है। यही नहीं इस स्कोर बोर्ड की प्रशंसा आईसीसी के पूर्व सीईओ व पूर्व क्रिकेटर डेव रिचर्डसन ने भी की थी।

साल 2000 में टेस्ट टीम का दर्जा पायी बांग्लादेश की टीम नगर में पहली बार खेलने आ रही है। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में आगामी 27 सितम्बर से एक अक्टूबर के बीच भारत और बांग्लादेश की टीम आमने-सामने होंगी। स्टेडियम में खेले जाने वाले 24वें अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच के लिए तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गईं हैं। ग्राउंड से लेकर दर्शकों के बैठने की व्यवस्था व एंट्री का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। फ्लड लाइट‌ से लेकर ब्रॉडकास्टर के कैमरों के सेटअप की भी रिहर्सल हो चुकी है। हालांकि इस मैच में ग्रीन पार्क में जो अधूरा-अधूरा नजर आएगा, वह होगा ऐतिहासिक मैनुअल स्कोर बोर्ड का ना होना। ग्रीनपार्क में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में सिर्फ डिजिटल स्कोर बोर्ड का प्रयोग किया जाएगा, जबकि अभी तक के अंतरराष्ट्रीय टेस्‍ट मैचों में डिजिटल के साथ-साथ मैनुअल स्कोर बोर्ड का भी इस्तेमाल होता रहा है। मैच के दौरान यह स्कोर बोर्ड भी एक आकर्षण का केंद्र रहता था। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मैनुअल स्कोर बोर्ड माना जाता रहा है। इसे 1952 में एसएम बशीर व जगजीत सिंह ने बनाकर तैयार किया था, जबकि 1957 से अंतरराष्ट्रीय मैचों में इसका प्रयोग पहली बार किया गया था।

80 लोग करते थे संचालित

ग्रीन पार्क के स्कोर बोर्ड को ऐसे ही ऐतिहासिक स्कोर बोर्ड नहीं कहा जाता है। इस स्कोर बोर्ड में दोनों टीम के खिलाड़ियों के नाम के साथ-साथ अंपायर के नाम भी लिखे जाते थे। इसके अलावा रन रेट और लाइव स्कोरिंग की सुविधा भी मौजूद थी। इसे संचालित करने के लिए करीब 80 लोगों की आवश्यकता पड़ती थी। ग्रीन पार्क में क्रिकेट प्रेमियों को यह आखिरी बार भारत बनाम इंग्लैंड के बीच हुए टी-20 मैच में देखने को मिला था। यह दुनिया का इकलौता व अनूठा मैनुअल स्कोर बोर्ड भी रहा। इसकी स्थापना वर्ष 1952 में हुई और पहली बार 12 से 17 दिसंबर 1957 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट मैच में इसका इस्तेमाल किया गया था।

पूर्व स्कोरर सौरभ चतुर्वेदी के मुताबिक कम्प्यूटर की तरह काम करने वाले एकमात्र बचे इस बोर्ड में मैच के दौरान जिस खिलाड़ी के पास बॉल जाती थी, उस खिलाड़ी के नाम के आगे वाली लाइट जल जाती थी। आज स्कोर बोर्ड मैदान के एक कोने में कबाड़ की तरह छोड़ दिया गया। इस स्कोर बोर्ड का अंतिम बार प्रयोग 2017 में इंग्लैण्ड के खिलाफ टी–20 मुकाबले में किया गया था।

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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह

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