Uttar Pradesh

आध्यात्मिक स्वास्थ्य आध्यात्म का केन्द्र : डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय

लोकार्पण

– अध्यात्म हमारे स्वस्थ एवं नीरोग जीवन का आधार : डॉ शान्ति चौधरी

प्रयागराज, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । आध्यात्मिक स्वास्थ्य आध्यात्म का केन्द्र है। अध्ययन, चिंतन, संवाद से विज्ञानमय कोष, यम नियम एवं नैतिक नियम से अन्नमय कोष का, प्रकृति के निकट रहकर आनंदमय कोष का विकास सम्भव है। प्रतिदिन योग तथा ध्यान करने से मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा शरीर की पूरी नेगेटिविटी दूर हो जाती है। जिससे मानसिक रोग तथा डिप्रेशन जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है और दिन भर शरीर में ताजगी तथा मूड भी अच्छा रहता है।

उक्त विचार मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय ने हिन्दी दिवस के अवसर पर विश्व आयुर्वेद मिशन एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय गंगा नाथ झा परिसर के तत्वावधान में “अध्यात्मिक स्वास्थ्य की परिकल्पना“ विषय पर संगोष्ठी में व्यक्त किया।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय गंगानाथ झा में आयोजित कार्यक्रम में आयोजन अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रो. (डा.) जी एस तोमर ने अतिथियों के स्वागत वक्तव्य के साथ संगोष्ठी की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि प्रकृति के नेतृत्व में ध्यान, प्रार्थना से पाचन तंत्र के अंगों में सकारात्मक रूप से विकास होता है तथा अंगों के संचालन अच्छी तरह होने लगता है।

विशिष्ट अतिथि चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय डॉ एस एन शंखवार, इलाहाबाद नर्सिंग होम ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजकिशोर अग्रवाल एवं मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की पूर्व शोध अधिकारी डॉ शांति चौधरी ने अपने विचार रखे। डॉ शान्ति चौधरी ने कहा कि अध्यात्म हमारे स्वस्थ एवं निरोग जीवन का आधार है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय गंगा नाथ झा परिसर के निदेशक प्रो. ललित कुमार त्रिपाठी ने हिन्दी दिवस के अवसर पर भाषा के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर चिकित्साधिकारी डॉ अवनीश पाण्डेय को स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सर्विस एक्सेलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ जी.एस तोमर की पुस्तक भेषज्यम का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह, आरोग्य भारती काशी प्रांत उपाध्यक्ष नागेंद्र जायसवाल, संगठन सचिव डॉ अजय मिश्र, प्रो देवदत्त सरोदे, उमेश शर्मा, डॉ पंकज मिश्र, डॉ ब्रह्मानंद, डॉ आशीष कुमार त्रिपाठी, डॉ एम डी दुबे, डॉ आर के सिंह, डॉ राजतिलक तिवारी, डॉ भरत नायक, डॉ प्रकाश खेतान, डॉ पवन कुमार मिश्र, दीप्ती योगेश्वर, डॉ आशीष कुमार मौर्य एवं शिक्षक तथा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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