

अजमेर, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । तीर्थ नगरी पुष्कर में जलझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर विभिन्न समाजों की तरफ से भगवान की गाजे बाजे के साथ रेवाड़ी निकाली गई। इस अवसर पर आईडीएसएमटी कॉलोनी में जोगणियाधाम, बसीठा समाज, जीनगर समाज, रावणा राजपूत समाज, धोबी समाज, सरगरा समाज, कुमावत समाज, रैगर समाज, कुमावत समाज, जांगिड़ समाज, सहित विभिन्न समाजों के मंदिरों से गाजे बाजे के साथ भगवान की पालकी में रेवाड़ियां निकाली गई। जो विभिन्न मार्गो से होती हुई गऊ घाट पहुंची, जहां भगवान को पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद पूजा अर्चना कर आरती की गई। इस दौरान गऊ घाट पर भगवान श्रीमन नारायण के दर्शन के लिए भक्तों की भरी भीड़ देखने को मिली। वही कपालेश्वर तिराएं पर स्थित रावणा राजपूत समाज के मंदिर से व पाराशर समाज की गाजे बाजे के साथ वराह मंदिर से भगवान की भव्य गाजे-बाजे के साथ सवारी निकाली गई। गऊघाट पर भगवान को पवित्र सरोवर से स्नान कराने के बाद पूजा अर्चना और आरती के बाद पुनः रेवाड़ी गाजे बाजे के साथ अपने अपने मंदिर पहुंची। रेवाड़ियों का लोगों ने जगह जगह आरती उतारकर व फूलों की वर्षा करके स्वागत किया। रेवाड़ियो में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली तथा गऊ घाट पर तो भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिली।
वराह मंदिर के नीचे लगा मेला
पुष्कर में स्थित श्री वराह मंदिर में जलझूलनी एकादशी के मौके पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गए। मंदिर के पुजारी आशीष पाराशर ने बताया कि शनिवार की सुबह भगवान का विशेष अभिषेक कराया गया। इसके बाद महाआरती व प्रसाद वितरण किया गया। तथा मंदिर परिसर से बैंडबाजों के साथ भगवान विष्णु की भव्य रेवाड़ी निकाली गई जो वराह घाट चाैक बद्री घाट मुख्य मार्गों से होती हुई गऊ घाट पहुंची जहां पर समाजबंधु एवं श्रद्धालुओं द्वारा भगवान को स्नान कराया गया। इस दौरान गऊ घाट पर लोगों की भारी भीड़ दर्शन के लिए पहुंची तथा मेला जैसा माहौल हो गया भगवान को स्नान करने और दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो
मंदिरों की नगरी पुष्कर में जलझूलनी एकादशी पर पूरे दिन गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो के जयकारे लगते रहे। तीर्थ नगरी में जिस भी मार्ग से निकलों समाज बंधु सामूहिक रूप से कीर्तन करते हुए हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की… गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो… के जयकारों के साथ भगवान विष्णु को भ्रमण कराते हुए सरोवर की तरफ जाते दिखाई दिए।
शाम ढ़लते-ढ़लते गऊघाट पर रेवाडिय़ों के दर्शन करने के लिए महिला-पुरुषों का सैलाब उमड़ गया। श्रद्धालुओं ने रेवाडिय़ों में विराजित अपने-अपने अराध्य देवों को पुष्कर सरोवर में उत्साह व श्रद्धा के साथ स्नान कराया व आरती उतारी। प्रसाद वितरण के बाद दोबारा रेवाडिय़ां गाजे-बाजे के साथ अपने मंदिरों में पहुंचने पर संपन्न हुई। अखिल भारतीय रैगर समाज के श्री गंगा माई मंदिर से सालिगराम भगवान एवं गंगा माई की रेवाड़ी निकली गई जिसमें पार्षद रोहन बाकोलिया,जगदीश कुर्डिया महेशपाल कुर्डिया, देवीलाल, हरि, गणपत लाल, प्रेमप्रकाश, डा० जीवराज, हरीश चन्द्र, रविशंकर, जीतू, चांदमल, पृथ्वीराज सहित समाज बंधु सम्मिलित हुऐ। इसी तरह कुमावत समाज के मंदिर से सत्यनारायण भगवान की, रावणा-राजपूत मंदिर से भगवान चारभुजा नाथ की, धोबी बसीटा समाज मंदिर से राधाकृष्ण भगवान की, अभा मांरू जांगड़ा सेन समाज संस्थान के मंदिर से राम लक्ष्मण जानकी व सैन महाराज की, जीनगर समाज के मंदिर से भगवान चारभुजा नाथ की, धानका समाज के मंदिर से राम दरबार की रेवाड़ी निकाली। इसके अलावा भी अनेक समाज बंधुओं ने अपने-अपने मंदिरों से भगवान की रेवाडिय़ा निकाली। साथ ही रेवाडिय़ों में राधा-कृष्ण सहित अनेक झांकियां भी सजाई गई। रेवाडिय़ों के कारण तीर्थ नगरी का वातावरण पूरी तरह से धर्ममय हो गया। रेवाडिय़ों में बड़ी संख्या में समाज बंधुओंं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। श्रद्धालु डीजे व बैंड की धुनों पर जमकर झूमे।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
