रतलाम, 14 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पद्मश्री जितेन्द्रसिंह शंटीने यहां कहा की मानव सेवा से बड़कर कोई सेवा नही हो सकती इसीलिए उन्होंने एक संस्था बनाई है ज़ो दिल्ली सहित देश के विभिन्न स्थानों पर शहीद भगतसिंह सेवा दल नाम से एनजीओ के रूप में कार्य कर रही है। यह संस्था निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करना, रक्तदान करना, जेसे कार्य करती है। इसी सस्था द्वारा शहीद भगतसिंह राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी दिया जाता है जिसने अडवाणी जी, कपीलदेव, उदितनारायण प्रकाशसिंह बादल जेसी हस्तियों को सम्मानित किया। प्रतिवर्ष दिल्ली में 26 जनवरी को सद्भावना साइकल रैली भी आयोजित करती हैजिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है।
पत्रकारों से चर्चा करते हूए शनिवार को उन्होंने बताया कि कोराना काल एक एसा कालाअध्याय रहा है जिसमे समाजसेवी संस्थाओं ने जान की परवाह न करते हूए ल़ोगो की सेवाएं ,अपने परिवार के सदस्यों को खोया है वही क ई एसे लोग भी रहै जिन्होंने सेवा के नाम पर लोगों को ठगा है,स्वास्थ्य सेवाओं को बदनाम किया इनमें अस्पताल, लेबोरेटरीयां,बीमा कंपनियां, डाक्टर शामिल है।हमारी संस्था ने इन सबसे हटकर कार्य किया, कोविड में चार हजार से अधिक लाशों का अंतिम संस्कार किया, हरिद्वार में अस्थियों का विसर्जन किया इसी कारण मुझे कोराना मेन कहा जाने लगा है।यही संस्था अब रतलाम में भी कार्य करेगी।गुरनाम सिह डंग ने यह इच्छा जताई है ज़ो गुरु तेग बहादुर स्कूल के नाम से विशाल शैक्षणिक संस्थानों का संचालन कर रहे है।में इसके लिए इनके संचालक मंडल को बधाई देता हूं।
उन्होंने किसी राजनैतिक प्रश्शका उतर नही दिया लेकिन खालिस्तानी गतिविधियों को ठीक नही कहा।उन्होंने कहा कि भारत जेसा कोई देश नही है युवा पीढी भटक कर नशे की और धकेली जा रही है।धर्म परिवर्तन कर रहे है।जलंधर मे ही बड़ा चर्च बन रहा है। यह संकेत ठीक नही कहें जा सकते।
पत्रकार वार्ता में तेगबहादुर अकादमी के अध्यक्ष गुरनाम सिह डंग,सचिव अजीत छाबड़ा, भी उपस्थित थे। पद्मश्री जितेंद्र सिह शंटी दिल्ली पंजाब के लोकप्रिय समाजसेवी है वे क ई बार विधायक भी रहें 2021में इन्हें पदमश्री सम्मान से नवाजा गया।
(Udaipur Kiran) / शरद जोशी