बेतिया, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के सिकटा,लौरिया, बैरिया , गौनाहा, भीतहां, मधुबनी, ठकरहां, नौतन के चयनित आशा कार्यकर्ताओं को लगातार 10 सितम्बर से उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के लक्षणों की पहचान व उससे बचाव के उपाय बताए जा रहें है। प्रशिक्षक श्याम सुन्दर कुमार, पीओसीडी, पीरामल एवं प्रकाश कुमार वीवीडीएस ने शुक्रवार को कहा कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। उन्होंने बताया की जागरूकता ही कालाजार से बचाव के बेहतर उपाय है।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि कालाजार के संपूर्ण उन्मूलन के लिए जागरूकता जरूरी है। इसके लिए सरकार की तरफ से आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। आशा कार्यकर्ता छिड़काव होने से पहले घर-घर जाकर लोगों को इसकी जानकारियां देंगी। उन्होंने बताया कि छिड़काव चक्र के दौरान चयनित गांवों के सभी घरों एवम गौशाला के अंदर पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए। अगर एक भी घर छिडकाव से वंचित रह गया, तो बालू मक्खी के पनपने का खतरा बना रहेगा।
भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। उन्होंने बताया कि यह मक्खी कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है। इसलिए दवा का छिड़काव घरों, गौशालाओं की दीवार पर छह फीट तक किया जाता है। वहीं उन्होंने बताया कि क्षतिपूर्ति के रूप में कालाजार के मरीजों को सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है।
रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है।
(Udaipur Kiran) / अमानुल हक