नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । अर्थव्यवस्था के माेर्चे पर झटका देने वाली खबर है। देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि सालाना आधार पर जुलाई महीने में सुस्त पड़कर 4.8 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले महीने जून में यह 4.7 फीसदी की दर से बढ़ा था।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से जुलाई में आईआईपी पर आधारित औद्योगिक उत्पादन की दर में गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.8 फीसदी बढ़ा है।
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में 4.6 फीसदी बढ़ा है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.3 फीसदी बढ़ा था। इसी तरह खनन क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई, 2024 में 3.7 फीसदी रही है, जबकि बिजली के उत्पादन में 7.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 5.2 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.1 फीसदी बढ़ा था।
मंत्रालय के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के त्वरित अनुमान को हर महीने की 12 तारीख को (या यदि 12 तारीख को छुट्टी हो तो पिछले कार्य दिवस पर) छह हफ्ते के अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं। ईआईपी की संशोधन नीति के अनुसार इन त्वरित अनुमानों को बाद में जारी किए जाने वाले आंकड़ों में संशोधन किया जा सकता है।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर