Haryana

फरीदाबाद : रजत पदक विजेता बधिर निशानेबाज शुभम् वशिष्ठ हुआ जोरदार स्वागत

निशानेबाज शुभम् वशिष्ठ का स्वागत करते मंत्री मूलचंद शर्मा व शिक्षाविद सीबी रावल

फरीदाबाद, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । बल्लबगढ़ के शुभम् वशिष्ठ ने विश्व बधिर शूटिंग चैंपियनशिप जर्मनी में भारत के लिए रजत और कांस्य पदक जीते। उनके गुरुवार को स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। हरियाणा के छोटे से शहर बल्लबगढ़ का नाम एक बार फिर दुनिया के मानचित्र पर चमक उठा है। यहाँ के होनहार बेटे शुभम् वशिष्ठ ने जर्मनी के हैनोवर में आयोजित दूसरे विश्व बधिर शूटिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए दो शानदार पदक जीते हैं।

शुभम् ने 10 मीटर एयर पिस्टल एकल स्पर्धा में कांस्य पदक और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। इस जीत के साथ उन्होंने न सिर्फ अपने देश का नाम रोशन किया, बल्कि अपने राज्य हरियाणा, जिला फरीदाबाद और अपने शहर बल्लबगढ़ को भी गौरवान्वित किया है। जब शुभम् अपने वतन लौटे, तो उनका स्वागत किसी हीरो की तरह किया गया। फरीदाबाद के 10गुणा शूटिंग रेंज से एक भव्य स्वागत रैली निकाली गई। यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए अंबेडकर चौक बल्लबगढ़ तक पहुंची और अंत में शुभम के घर भीकम कॉलोनी में समाप्त हुई। शुभम् के घर पर एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर हरियाणा के उद्योग मंत्री मूलचंद शर्मा और रावल एजुकेशन के चेयरमैन सीबी रावल जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। उन्होंने शुभम् को आशीर्वाद दिया और उनकी उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया।

शुभम् के पिता दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक धन्यवाद किया। उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी उठाया। पिता दिनेश शर्मा ने हरियाणा सरकार से अपील की कि वे अन्य राज्यों की तरह बधिर खिलाडिय़ों को पैरा-एथलीटों के बराबर सम्मान और पुरस्कार दें। मंत्री मूलचंद शर्मा ने आश्वासन दिया है कि वो इस संबंध में कदम उठाएंगे। यह मांग बधिर एथलीटों के लिए समान अवसर और मान्यता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। शुभम् की सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। बचपन से ही शुभम् को शूटिंग का शौक था। अपनी बधिरता के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की। शुभम् के कोच राकेश सिंह ने कहा, हमें बधिर एथलीटों के लिए बेहतर सुविधाएं और प्रशिक्षण की जरूरत है। अगर हम उन्हें सही मौका दें, तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमाल कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर

Most Popular

To Top