Uttrakhand

आईआईटी रुड़की में हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम पर 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का उद्घाटन

संगोष्ठी के दौरान उद्बोधन देते हुए

हरिद्वार, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । आईआईटी रुड़की में हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम पर 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी का आज उद्घाटन किया गया। यह संगाेष्ठी अनुसंधान, उद्योग सहयोग और सामाजिक प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। परंपरा एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता से सराबोर उद्घाटन सत्र ने एक ऐसे परिवर्तनकारी आयोजन के लिए मंच तैयार किया, जो हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम में राष्ट्रीय एवं वैश्विक दोनों परिदृश्यों को प्रभावित करेगा। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई।

आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार ने अपने स्वागत भाषण में कहा, आईआईटी रुड़की हमेशा से इंजीनियरिंग शिक्षा एवं अनुसंधान में सबसे आगे रहा है। हमारी विरासत नवाचार एवं उत्कृष्टता की नींव पर बनी है, और यह संगोष्ठी हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

इस आयोजन के माध्यम से, हमारा लक्ष्य भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण योगदान देना और हाइड्रो पावर, पंपिंग सिस्टम और पंप स्टोरेज विकास के माध्यम से स्थायी तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना है ताकि शुद्ध शून्य लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।

स्वागत भाषण के बाद, जल एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख प्रो. एमके सिंघल एवं मैकेनिकल एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख प्रो. अंदलीब तारिक ने राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखित नवाचारों को आगे बढ़ाने में अंतःविषय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

आईएएचआर हाइड्रोलिक मशीनरी एवं सिस्टम समिति के अध्यक्ष और जर्मनी के स्टटगार्ट विश्वविद्यालय में प्रोफेसर प्रो. स्टीफन रीडेलबाउच ने हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम समिति के आईएएचआर प्रभाग और संगोष्ठी के वैश्विक महत्व का एक व्यावहारिक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, 32वीं आईएएचआर संगोष्ठी केवल विशेषज्ञों का जमावड़ा नहीं है, यह विचारों का संगम है जो वैश्विक स्तर पर हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों के भविष्य को आकार देगा।

आईआईटी रुड़की की नवाचार की समृद्ध विरासत एवं इंजीनियरिंग शिक्षा में इसकी अग्रणी भूमिका के साथ, यहाँ होने वाला सहयोग और ज्ञान का आदान-प्रदान नवाचार को आगे बढ़ाने और इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक है।

अध्यक्षीय भाषण में, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने भारत में इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में इस तरह की संगोष्ठियों की भूमिका पर एक दूरदर्शी दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता अटूट है, और आईएएचआर संगोष्ठी जैसे आयोजन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने की हमारी यात्रा में महत्वपूर्ण हैं।

इस संगोष्ठी के दौरान प्रस्तुत किए गए शोध और नवाचारों के परिणाम भारत के सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने, हमारी औद्योगिक क्षमताओं को बढ़ाने और विकसित भारत 2047, आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन जैसी राष्ट्रीय पहलों में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सत्र का समापन राष्ट्रगान, समूह फोटोग्राफ और प्रदर्शनी के आधिकारिक उद्घाटन के साथ हुआ, जिसमें हाइड्रोलिक मशीनरी और प्रणालियों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं नवाचारों का प्रदर्शन किया गया।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

Most Popular

To Top