डिलीवरी के दौरान शिशु की मौत हुई थी, परिवार ने अस्पताल में हंगामा किया
फरीदाबाद, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । फरीदाबाद के सिविल अस्पताल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान एक शिशु की मौत के मामले में तीन नर्सिंग आफिसर को जांच के आधार पर टर्मिनेट किया गया। वहीं अन्य स्टाफ की लिप्त होने की आशंका के चलते एडीसी आनंद शर्मा को डीसी विक्रम सिंह यादव ने जांच सौंपी है। आराेपी नर्सिंग आफिसर स्टाफ नर्स मंजू, पूनम और बलजीत एनआरएचएम के तहत कार्यरत हैं।
पल्ला निवासी संदीप 21 अगस्त को सुबह करीब नौ बजे पत्नी वर्षा को डिलीवरी के लिए बीके अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां पर जांच के दौरान चिकित्सकों ने जच्चा एवं बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया था। रात 12 बजे तक डिलीवरी होने की बात कही गई थी। उस वक्त वहां नर्स मंजू, पूनम और बलजीत ड्यूटी पर थी। 12 बजे के बाद संदीप ने अपनी पत्नी वर्षा और उसके गर्भ में पल रहे शिशु की हालत के बारे में बार-बार पूछता रहा, लेकिन किसी ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इस बीच तबीयत खराब होने पर ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग आफिसर ने संदीप से दो यूनिट ब्लड का प्रबंधन करने के लिए कहा। संदीप रक्त लेने के लिए चला गया। वह जब अस्पताल पहुंचा तो नर्सिंग आफिसर ने संदीप को बताया कि उसके नवजात बच्ची को नहीं बचा सकें। संदीप का आरोप था कि डिलीवरी करने के दौरान स्टाफ नर्सों ने लापरवाही बरती है।
इसे लेकर परिजनों ने काफी हंगामा भी किया था और मामले को शांत करने के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ. रामभगत, डॉ. रचना शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास गोयल और डॉ. पूनम शर्मा को मिलाकर एक कमेटी गठित की गई थी। उन्होंने मामले की जांच कर रिपोर्ट सीएमओ डॉ. अशोक कुमार को सौंप दी। सीएमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट में नर्सिंग आफिसर ने जबरन डिलीवरी कराने का प्रयास किया है। केस बिगडऩे पर नर्सों ने महिला डॉक्टरों को सूचना नहीं दी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट डीसी को भेजी गई जिस पर कार्रवाई करते हुए तीनों नर्सिंग आफिसर को टर्मिनेट कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य स्टाफ की संलिप्तता की जांच के लिए एडीसी आनंद शर्मा को जांच सौंपी गई है। जांच में अन्य कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीसी विक्रम सिंह यादव ने कहा कि लोगों की इलाज में लापरवाही बरतने वाले स्टाफ को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा ।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर