कोलकाता, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के दुष्कर्म व हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पीड़िता के पोस्टमार्टम के वीडियोग्राफर से पूछताछ करने का फैसला किया है।
सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी जिस तरीके से की गई थी, उसमें महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल ही नहीं किया गया। इसी कारण जांच अधिकारियों को वीडियोग्राफर से पूछताछ करने की आवश्यकता महसूस हुई है। वीडियोग्राफर से पूछताछ करके जांच अधिकारी यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उसने इसकी रिकॉर्डिंग सामान्य तरीके से की थी या इसके लिए किसी ने कोई ‘विशेष’ निर्देश दिया था।
जांच अधिकारी यह भी मानते हैं कि वीडियोग्राफर के साथ-साथ पोस्टमार्टम के समय मौजूद अन्य लोगों से पूछताछ से कुछ महत्वपूर्ण कड़ियां सामने आ सकती हैं, जो इस प्रकरण के पीछे की गहरी साजिश को उजागर कर सकती हैं। जांचकर्ता पीड़िता के परिवार के सदस्यों और उनके करीबी रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर रहे हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस परिस्थिति में माता-पिता की इच्छा के खिलाफ जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दरअसल एक बयान में राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कार्यालय ने कोलकाता पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच पर सवाल उठाए हैं। इसमें से एक यह था कि माता-पिता की इच्छा के खिलाफ उसी दिन जल्दबाजी में शव का निपटारा। सीबीआई अधिकारियों का मानना है कि अगर शव को कुछ समय के लिए संरक्षित रखा गया होता तो एक दूसरा पोस्टमार्टम संभव हो सकता था, जो जांच प्रक्रिया में अत्यधिक सहायक साबित हो सकता था। क्योंकि तब और भी अधिक जानकारियां सामने आ सकती थीं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर