नैनीताल, 09 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं की ओर से इसी वर्ष विभिन्न मदों के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि अगर पूर्व की भांति टेंडर प्रक्रिया नीति अपनाई गई है तो दुग्ध की गुणवत्ता व मैन पावर के टेंडर की प्रक्रिया को आगे न बढ़ाया जाए। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि यह स्वास्थ्य का मामला है। इस प्रकरण पर सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट के पूर्व आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने कहा कि 2023 की कमिश्नर की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने अनियमितताओं की जांच करके अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। कमेटी ने कहा कि तत्कालीन संघ के महाप्रबंधक निर्भय नारायण के विरुद्ध चार्जशीट पेश कर दी गई है। पूर्व में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा था कि 2023 में टेंडर को लेकर कुमायूं कमिश्नर ने जांच करके जो रिपोर्ट शासन को भेजी थी उस पर अभी तक सरकार ने क्या एक्शन लिया, रिपोर्ट पेश करें और सरकार ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार निविदाकर्ता देवभूमि ट्रेडर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ लालकुआं की ओर से अन्य वर्षों की भांति संघ की गतिविधियों को चलाने के लिए जैसे दही मटका, स्टेशनरी, मैन पावर, एल्यूमिनियम केन सहित कई अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई करने के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन संघ ने टेंडर प्रक्रिया की नियमावली का पालन नहीं किया। नियमावली के अनुसार ई-टेंडर होना आवश्यक था, जो नहीं हुआ। 2023 में संघ ने अपने चेहतों को टेंडर में शामिल करने के लिए बड़ी गड़बड़ियां की थी। संघ ने 2023 में जब टेंडर निकाला उसमें तीन बिडर थे। तीनों ही निविदाकर्ताओं ने एक ही बैंक, एक ही एकाउंट और एक ही लिफाफे में अपनी निविदा संघ को भेजी थी।
(Udaipur Kiran) / लता