अनूपपुर, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । गणपति बप्पा मोरया.. की गूंज तीसरे दिन सोमवार को भी रहीं। प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश का 10 दिवसीय उत्सव शनिवार से प्रारंभ होकर 17 सितंबर को विसर्जन होगा। जिले के नगरों के प्रमुख चौराहों सहित घर-घर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भगवान की मूर्ति स्थापना की गई। नगर में भवान श्रीगणेश की स्थापना को लेकर विशेष तैयारी की गई। विशेष साज सज्जा की गई। घरों में भी स्थापना के लिए आकर्षक झाकियां सजाई गई हैं। वहीं जिले भर में सोमवार तक गणेश उत्सव की छोटी/बड़ी 242 प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं। वहीं विसर्जन के लिए 62 स्थउल बनायें गये हैं।
दस दिन लगेंगे अलग-अलग भोग
पंडित नरेंद्र शुक्ला बताते हैं कि गणेश भगवान को उनके मनपसंद का भोग अलग-अलग दिनों में लगाया जाता है। जिससे मनवांछित फल मिलता है। प्रथम दिन पूजा के बाद लड्डू, दूसरे दिन काजू, किसमिश, छुहारा, बादाम और दूध के साथ मिश्रित भोग, तीसरे दिन सूजी का हलवा मेवा डालकर, चौथे दिन भगवान को खीर व सेव का भोग, पांचवें दिन दूध, गंगाजल, शहद, दही, शक्कर मिश्रित करके भोग लगाना चाहिए, छठवें दिन फल, सातवें दिन पकवान पूड़ी, हलवा, सब्जी का भोग, आठवें दिन लड्डू, केले और दूध से बनी हुई खीर का भोग, नौवें दिन गणेश जी को सभी प्रकार के फल मीठा का भोग लगाना चाहिए, वहीं दसवें दिन आटे का भुना हुआ पंजीरी और शक्कर मिलाकर भोग लगाने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
जिले में 242 स्थानों में छोटी/बड़े विराजे गजानन
गणेश उत्सव को लेकर इस बार लोग ज्यादा उत्साहित नजर आ रहे। शहर में बीते वर्ष की तुलना में गणेश प्रतिमा की दुकानें अधिक सजाई गई थीं। जिले के 10 थाना क्षेत्रों में छोटी/बड़ी मिलाकर कुल 242 स्थानों प्रतिमा विराजित की गई हैं। जिसमे अनूपपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में कुल 19 गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई हैं। जिसमें 11 बड़ी एवं 08 छोटी प्रतिमा स्थापना की गई हैं। वहीं विसर्जन के लिए 3 स्थान बनाये गयें हैं। थाना जैतहरी क्षेत्र में 17 बड़ी प्रतिमा के लिए 1 विसर्जन स्थान बनाया गया हैं। इस थाना क्षेत्र के वेंकटनगर चौकी में कुल 16 प्रतिमा की स्थापना की गई हैं, जिसमे 12 बड़ी 4 छोटी एवं 11 प्रतिमा विसर्जन के लिए स्थानों को चिन्हित किया गया हैं। चचाई थाना क्षेत्र में 39 छोटी/बड़ी गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई हैं। जिसमे 16 बड़ी 23 छोटी 03 स्थानों में विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। इसी थाना क्षेत्रअंतगर्त देवहरा चौकी में कुल 08 प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं, जिसमे 02 बड़ी 06 छोटी शामिल हैं। 03 जगहों में विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। कोतमा थाना में 14 गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ बड़ी 07 छोटी 07 विसर्जन के लिए 03 स्थान बनाये गये हैं। भालूमाड़ा थाना में कुल 21 गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ बड़ी 08 छोटी 13वहीं 04 स्थानों विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। इसी थाना क्षेत्र की फुनगा चौकी में कुल 8 प्रतिमाओं की स्थापना में बड़ी 03 छोटी 05 एवं 05 स्थानों में विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। थाना रामनगर में 22 प्रतिमाओं की स्थापना में बड़ी 03 छोटी 19 विसर्जन के लिए 08 स्थानों का चयन किया गया हैं। थाना बिजुरी में 24 प्रतिमाओं की स्थापना 07 बड़ी, 17 छोटी की गई हैं। एवं 07 जगहों में विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। राजेन्द्रग्राम थाना में 18 प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं जिसमे 03 बड़ी 15 छोटी के लिए 04 स्थानों विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। अमरकंटक थाना क्षेत्र में 02 बड़ी 16 छोटी कुल 18 प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं। यहां 02 स्थानों विसर्जन के लिए बनाया गया हैं। करनपठार थाना क्षेत्र में 07 बड़ी 07 छोटी कुल 14 प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं जिसमे 05 स्थानों में विसर्जन कुंड बनाया गया हैं। इसी थाना क्षेत्र की सरई चौकी 04 छोटी प्रतिमाओं के लिए 03 विसर्जन कुंड बनाया गया हैं। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से शहर सहित ग्रामीण अंचलों में गश्त भी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा जिले भर में लोगो ने अपने-अपने घरों में गणेश प्रतिमा की स्थापना कर गणपति बप्पा मोरया की गूंज हैं।
जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
हर वर्ष की भांति इस बार भी 10 दिनों तक गणेश पर्व में पंडालों पर धार्मिक कार्यक्रम होंगे। गणेश समितियों द्वारा इंसकी तैयारियां की जा रही हैं। इस अवसर पर जिले में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किये गए हैं। अतरिक्त पुलिस अघीक्षक इसहाक मंसूरी ने बताया कि जिले भर में मुख्य धार्मिक स्थल व भीड़ वाली जगहों में पेट्रोलिंग पार्टी मोबाइल टीम के साथ भ्रमण करेगी। यातायात का बल भी यहां तैनात किया गया हैं ताकि सुबह शाम भीड़ न लगे। हर वर्ष की भांति इस बार भी शांति समिति की बैठक में सभी समिति व आयोजक मंडलों से पंडालों में पूजा पाठ के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आगृह किया गया है। आगजनी को रोकने पर्याप्त रेत, पानी आदि रखने के लिए कहा गया है। साथ ही आवाजाही वाले मार्ग, बिजली पोल के नीचे पण्डाल बनाने से बचने की सलाह दी गई है। ताकि देर सबेर कोई अनहोनी घटना होने के पूर्व ही रोका जा सके।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला