– वडोदरा के गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ हुआ समझौता- आधुनिक युद्ध की गतिशील जरूरतों को पूरा करेगा एमओयू
नई दिल्ली, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना और वायु सेना को रसद क्षमता में उच्च विशेषज्ञता हासिल करने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में सोमवार को वडोदरा के गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता हुआ है। रक्षा मंत्री ने इस एमओयू को रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण के अनुरूप सशस्त्र बलों की रसद रीढ़ को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण साझेदारी बताया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कुशल रसद प्रणाली सशस्त्र बलों को तेजी से जुटाने और कम समय में सही जगह पर संसाधन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारी सेनाएं जिन विपरीत परिस्थितियों में काम करती हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए सैनिकों और उनके उपकरणों की आपूर्ति में निर्बाध आवाजाही की आवश्यकता है। हमारी सेनाओं की जरूरतों को कैसे पूरा किया जा सकता है, इस संदर्भ में यह समझौता ज्ञापन बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह समझौता रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के सरकार के दृष्टिकोण को हासिल करने में लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यदि हमें रसद में विशेषज्ञता की आवश्यकता है तो हमें गति शक्ति विश्वविद्यालय जैसे अपने संसाधनों से इसका प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए। यदि हमें उपकरणों की आवश्यकता है, तो हमें उन्हें भारत में ही निर्मित करवाना चाहिए। एक मजबूत भारत की नींव केवल आत्मनिर्भर बनकर ही रखी जा सकती है।
रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि गति शक्ति विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के कर्मियों के नेतृत्व, प्रबंधन और परिचालन अनुभव के माध्यम से रसद विशेषज्ञों और प्रबंधकों की एक नई पीढ़ी को आकार देने में मदद करेगा, जो आधुनिक युद्ध की गतिशील जरूरतों को पूरा करेंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वास व्यक्त किया कि गति शक्ति विश्वविद्यालय अत्याधुनिक रसद शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के साथ सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में काम करेगा। इस मौके पर सीडीएस, वायु सेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम