जम्मू, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने रविवार को लांस नायक चरण सिंह (सेवानिवृत्त) का 100वां जन्मदिन मनाया। 7 सितंबर, 1924 को जन्मे चरण सिंह की सेना के साथ यात्रा 26 अगस्त, 1942 को फिरोजपुर कैंट में शुरू हुई जब वे भारतीय सेना में भर्ती हुए। चरण सिंह के प्रतिष्ठित सैन्य करियर ने उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेना सेवा कोर के साथ सेवा करते देखा। उनकी सेवा उन्हें सिंगापुर से लाहौर और अंततः हिमाचल प्रदेश के योल कैंट ले गई। वर्षों से उनके समर्पण को प्रतिष्ठित बर्मा स्टार अवार्ड और भारतीय स्वतंत्रता पदक से मान्यता मिली।
17 साल की बहादुरी भरी सेवा के बाद वे 17 मई, 1959 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। हिमाचल प्रदेश के रोपड़ जिले के देक्वाला गाँव में रहने वाले चरण सिंह अपने चार बेटों और दो बेटियों के साथ रहते हैं। ब्रिगेडियर की अगुवाई वाली एक टीम उनके परिवार के साथ समारोह में शामिल हुई। भारतीय सेना अपनी समृद्ध परंपराओं और अपने दिग्गजों को सम्मानित करने तथा राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को स्वीकार करने की प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है।
यहां कहा गया कि सैनिक कभी भी वास्तव में सेवानिवृत्त नहीं होते – वे हमेशा के लिए विस्तारित भारतीय सेना परिवार का हिस्सा बने रहते हैं और भारतीय समाज के एक जिम्मेदार सदस्य होते हैं। भारतीय सेना की इकाइयों में दिग्गजों के साथ आजीवन संबंध बनाए रखने की परंपरा है। अक्सर विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों, पुनर्मिलन और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से उनके साथ जुड़ते हैं। यह निरंतर जुड़ाव भारतीय सेना की देशभक्ति और सौहार्द की स्थायी भावना के लिए अद्वितीय है। यह सुनिश्चित करता है कि लांस नायक चरण सिंह जैसे दिग्गजों के बलिदान और विरासत को सम्मानित और याद किया जाए।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा