गुप्तकाशी, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । आपदा ग्रस्त केदारघाटी में पीड़ितों काे उचित मुआवजा नहीं दिए जाने और क्षतिग्रस्त मोटर मार्गों को शीघ्र खोलने की मांग उठी है। सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप सिंह रावत ने व्यापारियों द्वारा आयोजित एक जन समर्थन सम्मेलन में कहा कि क्षेत्रीय जन जनप्रतिनिधियों का अब तक आपदा-ग्रस्त क्षेत्र का दाैरा न करना गंंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार की बातें तो करती है, लेकिन आपदा-पीड़िताें के मुआवजा के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है।
चार धाम यात्रा के दाैरान तीर्थयात्रियों को पंजीकरण के नाम पर हरिद्वार और ऋषिकेश में जबरन रोके जाने और अन्य स्थानों पर डायवर्ट करने की आलाेचना की। उन्हाेंने कहा कि स्थानीय लोगों बैंक से लोन लेकर अपने होटल और व्यवसाय को चला रहे थे, लेकिन यात्रा प्रभावित होने के कारण अब ऋण चुकाने में असमर्थ हैं।
रावत ने कहा कि उन्हाेंने हाल ही में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर 17 सूत्रीय मांगें प्रस्तुत कीं, जिनमें कुंड के क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर नए ब्रिज बनाने की मांग प्रमुख है। उन्हाेंने बताया कि सरकार द्वारा पीड़ित क्षेत्र के लिए के लिए केवल 9 करोड़ की अहेतुक राशि स्वीकृत किए जाने की बात करती है ,जबकि यहां पर 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
उन्हाेंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने अपने टेंट लगाए थे, उनसे ली गई सिक्योरिटी धनराशि प्रशासन काे वापस करनी चाहिए, क्याेंकि अब उनके टेंट, रेस्टोरेंट ,ढाबे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हाेंने कहा कि क्षेत्र के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए कई नीतियां तैयार हैं, जिसे निकट भविष्य में धरातल पर उतारा जाएगा।
सम्मेलन में उमेंद्र रमोला, शांति चमोला, भूपेंद्र सिंह सावित्री देवी ,संगीता समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / बिपिन