रायपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट दिलाने के नाम पर हुए लाखों रुपए के लेन-देन के खुलासे को कांग्रेस के लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला राजनीतिक चरित्र बताया है। मंत्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस मोहब्बत की दुकान के ढोल तो खूब पीटती रही है, किन्तु सच्चाई यह है कि वह हर स्तर पर सौदेबाजी करने के मौके तलाशती रही है और अब टिकटों की सौदेबाजी की दुकान का भंडाफोड़ हो गया है। समय के साथ-साथ कांग्रेस की काली करतूतें सामने आ रही हैं और सत्य स्थापित होता जा रहा है कि कांग्रेस में लेन-देन करने वाले नेताओं की पैठ बहुत गहरी होती है।
प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने आज शनिवार को अपने बयान में कहा कि कांग्रेस ने राजनीति को पूरी तरीके से प्रदूषित करके सड़ांध से भर दिया है। अब संगठन और सत्ता में भ्रष्टाचार के आरोप के बाद टिकट बेचने का एक नया मामला सामने आया है, जिस पर बाकायदा थाने में एफआईआर कराके शिकायत की गई है। श्री कश्यप ने कहा कि विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद दलीय लोकतंत्र के नाम पर रचा जाने वाला पाखंड कांग्रेस के असली चेहरे को परत-दर-परत जिस तरह कांग्रेस के ही लोगों ने उधेड़ कर रखा है, उससे कांग्रेस नेतृत्व को शर्म से गड़ जाना चाहिए। विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह कांग्रेस के पदाधिकारियों पर अभद्र टिप्पणियाँ की गईं, पैसे लेकर पदों की रेवड़ी बाँटने से लेकर चुनाव की टिकट की खरीद-फरोख्त तक के आरोप लगाए गए, उससे कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति में रचे-बसे भ्रष्टाचार की पोल खुली है।
श्री कश्यप ने आगे बताया कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बना रखा था, जो कांग्रेस के एक महामंत्री ने केंद्रीय नेतृत्व को भेजी अपनी एक चिठ्ठी में भी कही है कि ‘दिल्ली के लिए’ छत्तीसगढ़ मौज-मस्ती का अड्डा बन गया था। भ्रष्टाचार कांग्रेस के डीएनए में जिस तरह रच-बस गया है, उसके चलते कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे संगठन पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहा है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश प्रभारी शैलजा ने कांग्रेस की चुनाव टिकटों की ख़रीदी-बिक्री की है और किसी एक नेता को तव्वजो देते हुए बाक़ी संगठन को दरकिनार कर दिया था। कांग्रेस में टिकटों की खरीद-फरोख्त तक का आरोप लगाने वाले विनय जायसवाल कांग्रेस से निकाले जा चुके थे।
मंत्री कश्यप ने कांग्रेस के चार दावेदारों से टिकट दिलाने के नाम पर की गई लाखों रुपये की वसूली के ताजा खुलासे को कांग्रेस के शर्मनाक चरित्र का परिचायक बताते हुए कहा महिलाओं के सम्मान के नाम पर इन दिनों रोना-धोना मचा रही कांग्रेस के प्रदेश नेताओं को इस बात पर शर्म महसूस करना चाहिए। इन दावेदारों में दो महिला नेत्रियों तक को छला गया, जिनमें से एक राजनांदगाँव जिले की अजा वर्ग की हैं और प्रदेश महिला कांग्रेस की सचिव हैं तो दूसरी महिला नेत्री खल्लारी विधानसभा क्षेत्र की अजजा वर्ग की हैं और पहले जनपद अध्यक्ष रह चुकी हैं। इससे यह भी आईने की तरह एकदम साफ हो गया है कि कांग्रेस अजा-अजजा वर्ग के साथ किस स्तर तक जाकर छल-कपट का आचरपण करती है!
प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखे सवालों की बौछार करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज अब प्रदेश को बताएँ कि आखिर यह टिकट बेचने वाला ठेकेदार कौन है? आखिर इसका पैसा किस तक जाता था? क्या यह सब राहुल गांधी, भूपेश बघेल की जानकारी में हो रहा था क्योंकि इन मामलों की शुरुआती जाँच में यह तथ्य सामने आया है कि ये लाखों रुपये इन दावेदारों से पार्टी फंड के नाम पर वसूले गए थे। टिकट बेचने का निर्णय आखिर किसका था? जिन्होंने टिकट बेचने का यह कृत्य करने का प्रपंच रचा, ‘टिकट-माफिया’ के वे लोग कांग्रेस की किस टोली के हैं? चुनावी टिकटों के कांग्रेसी अंडरवर्ल्ड के किस गैंग का हिस्सा हैं? श्री कश्यप ने कहा कि जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, कांग्रेस की और भी ऐसी काली कारगुजारियां सामने आती जाएंगीं। राजनीति में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मामला सामने आया है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी निंदा करती है। जनता कांग्रेस पार्टी पर थू-थू कर रही है। एक ऐसा राजनीतिक दल, जिसमें वैसे भी कोई लोकतंत्र नहीं है, वैसे भी तानाशाही चलती है, अब उस कांग्रेस में टिकटों की बिकवाली भी होने लगी है और इन सबके भंडाफोड़ के बाद कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की क्या हैसियत और क्या इज्जत है, यह इस मामले में प्रमाणित कर दिया है।
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा