Uttar Pradesh

इन्दिरापुरम हस्तांतरित, जीडीए 185 करोड़ रुपये निगम को देगा

हस्तांतरण पत्र पर हस्ताक्षर के बाद अधिकारी

-मण्डलायुक्त की उपस्थिति में जीडीए उपाध्यक्ष व नगर आयुक्त ने हस्तांतरण पर की किये हस्ताक्षर

गाजियाबाद, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । लम्बे समय बाद आखिरकार शुक्रवार को इंदिरापुरम जीडीए से नगर निगम को हस्तांतरित हो ही गयी। इसके लिए जीडीए अब नगर निगम को 185 करोड़ रुपये देने होंगे और उसके बाद हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होगी। मेरठ में जीडीए बोर्ड बैठक के दौरान मण्डलायुक्त व जीडीए अध्यक्ष कुमारी सेल्वा जे एस की उपस्थिति में जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स व नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने हस्तांतरण पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अंतिम मुहर लगा दी। महापौर सुनीता नदयाल ने शुभकानमाएँ दी है।

अब जीडीए को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 8500 वर्ग मीटर भूमि अगले छह माह के अंदर देनी होगी। साथ ही अब इंदिरापुरम सीमा अंतर्गत विज्ञापन का अधिकार होगा। इंदिरापुरम सीमा अंतर्गत आने वाले कम्यूनिटी सेंटरों से प्राप्त आय पर अधिकार भी निगम का ही होगा। इंदिरापुरम के समस्त अनुरक्षण शुल्क देय अब निगम को देय होंगे। नगर निगम अब इन्दिरपुरम में सम्पत्ति कर की वसूली भी नगर निगम करेगा। जिससे निगम को केवल टैक्स मद में लगभग 14 करोड़ रुपये सालाना आय प्राप्त होगी। अभी तक नगर निगम इन्दिरपुरम से केवल गृह कर वसूलता था। अब वह सीवर व वाटर टैक्स भी वसूल सकेगा।

हस्तांतरण पत्र के मुताबिक 50 करोड रुपए सड़क शुद्ध रेडी कारण 25 करोड़ रुपए सीवर लाइन की सफाई में नई पाइपलाइन डालने 20 करोड़ रुपए नए ट्यूबवेल लगाने में पाइपलाइन बिछाने ऑस्ट की मरम्मत करने पर खर्च होंगे। साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 400 वर्ग मीटर की भूमि ट्रांजिट स्टेशन के लिए और 4500 एमआरएफ की जमीन 6 महीने के अंदर देनी होगी। इसके लिए 15 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। नाली बहन ने कारों के लिए साडे 13 करोड़ रुपए स्ट्रीट लाइट के लिए 11 करोड़ आदि दिए जाएंगे। इसके अलावा 70 करोड़ रुपए पहले किस जीडीए द्वारा दी जाएगी इसके अलावा 40 करोड़ 31 दिसम्बर 2024 तक 40 करोड़ 31 मार्च 2025 तक तथा 35 करोड़ रुपए एक जुलाई तक देने के बाद ही हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।

बता दें कि, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इंदिरापुरम योजना 1200 एकड़ भूमि पर विकसित की है। योजना में करीब 4.50 लाख की आबादी रहती है। इस योजना पर जीडीए ने 1987 में काम शुरू किया था। सबसे पहले 1994 में अहिंसा खंड बसा था, लेकिन योजना में बूम करीब 2002 में उस समय आया था जब तत्कालीन जीडीए अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष डीपी सिंह ने प्राइवेट पार्टनर की रूप में ‌शिप्रा सन सिटी का निवेश कराया। उसके बाद योजना इतनी हॉट हुई कि गाजियाबाद को ही हॉट सिटी का दर्जा दिला दिया। 2009 में योजना को पूर्ण विकसित घोषित करने बाद 2011 में जीडीए ने इस योजना को नगर ‌निगम को हस्तातरित करने की कोशिश शुरू की थी।

—————

(Udaipur Kiran) / फरमान अली

Most Popular

To Top