-16 साल पूर्व घर में घुसकर दिया था घटना को अंजाम
हमीरपुर, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । अनुसूचित जाति के युवक के घर में घुसकर मारपीट करने के 16 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सुशील कुमार खरवार की अदालत ने शुक्रवार को चार दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। वहीं प्रत्येक दोषी पर 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कुरारा थानाक्षेत्र के कंडौर गांव निवासी वादी जयपाल ने दी तहरीर में बताया कि उसे कई वर्ष पूर्व गांव निवासी करन सिंह आदि लोगों ने पुरानी रंजिश में जान से मारने की नीयत से मारपीट की थी। जिसका मुकदमा सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। बताया कि उसे आरोपियों ने कई बार मामले में राजीनामा के लिए धमकी भी दी। उन्हाेंने बताया कि 29 मार्च 2008 को शाम करीब साढ़े छह बजे गोविंद सिंह, धर्मेंद्र सिंह, करन सिंह, रामराज सिंह, महेश सिंह व छुड्डू सिंह तमंचा, लाठी, कुल्हाड़ी आदि हथियारों से लैस होकर उसके घर के अंदर घुस आए और जातिसूचक शब्दों से गाली गलौज करने लगे। उसके पिता ने कहा कि वह घर पर नहीं है। सभी लोग घरों में देखने लगे और उसके पिता भागीरथ को गोविंद ने लातों से मारा। वहीं उसके बच्चों को लाठी डंडों से मारापीटा। इसके बाद ममता पत्नी जयपाल के मना करने पर उसे भी लाठी डंडों से पीटा। झुरिया प्रजापति के मना करने पर उसके सिर में कुल्हाड़ी मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वहीं खाना खा रहे अरुण निवासी कदौरा को भी कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया। शोर सुनकर आए महिपाल व सुनील ने मना किया तो उनके साथ भी मारपीट की। पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने चार दोषियों धर्मेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश सिंह व छुट्टू सिंह को सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपियों गोविंद सिंह व रामराज सिंह की मुकदमा दौरान मौत हो गई।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा