नई दिल्ली, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । घरेलू शेयर बाजार आज बड़ी गिरावट का शिकार हो गया। सेंसेक्स 1.24 प्रतिशत और निफ्टी 1.17 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुए। ये लगातार तीसरा दिन है, जब घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है। माना जा रहा है कि ग्लोबल प्रेशर के साथ ही वैश्विक बाजार के सुस्त सेंटीमेंट्स की वजह से भी बाजार में दबाव की स्थिति बनी। इसके साथी मुनाफा वसूली को भी बाजार की गिरावट की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक अमेरिका में रोजगार से जुड़े आंकड़े की वजह से तनाव की स्थिति बनी हुई है। रोजगार के आंकड़े का असर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों के संबंध में किए जाने वाले फैसले पर भी पड़ने का अनुमान है। यही वजह है कि रोजगार के आंकड़े आने के पहले अमेरिकी निवेशक सतर्क मुद्रा में कारोबार कर रहे हैं। इस वजह से निवेशक वॉल स्ट्रीट के साथ ही दुनिया भर के अन्य शेयर बाजारों में भी बड़ी पोजीशन लेने से बचने की कोशिश कर रहे हैं। धामी का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने की बात लगभग तय है लेकिन अभी तक इस बात का अनुमान नहीं लगाया जा सका है कि ब्याज दरों में कितनी कटौती की जाएगी। निवेशकों को डर है कि रोजगार के आंकड़े ब्याज दरों की कटौती को भी प्रभावित करेंगे।
इसी तरह जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश सलाहकार विजय कुमार का मानना है कि वैश्विक बाजार में आई सुस्ती ने भी घरेलू शेयर बाजार के कारोबार पर आज काफी असर डाला। वॉल स्ट्रीट के तीनों प्रमुख सूचकांक पिछले कारोबारी सत्र में दबाव में कारोबार करके बंद हुए थे। इसी तरह यूरोपीय बाजार में भी बिकवाली का दबाव बना रहा था। एशियाई बाजारों में भी आज जापान का निक्केई इंडेक्स, चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है। दुनिया के कई स्टॉक एक्सचेंज में आई इस गिरावट से भी भारतीय स्टॉक मार्केट में आज दबाव की स्थिति बन गई।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार खुद भी कंसोलिडेशन के दौर से गुजर रहा है। इसके पहले मंगलवार तक निफ्टी लगातार 14 दिन तक मजबूती के साथ कारोबार करने में सफल रहा था। इसी तरह सेंसेक्स में भी लगातार 8 दिन तक उछाल आता रहा था। ऐसे में निवेशक अब मुनाफा वसूली करके अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं। मुनाफा वसूली के दबाव ने भी शेयर बाजार को ध्वस्त करने में कारगर भूमिका निभाई।
जीके फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ सर्वजीत गुप्ता का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार में खासकर, मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में इस समय ऊंचा वैल्यूएशन बना हुआ है। कई कंपनियों के शेयर वास्तविक कीमत से काफी ऊंचे दर पर कारोबार कर रहे हैं। अगर शेयर बाजार के पुराने रिकॉर्ड की बात की जाए तो मिडकैप और स्मॉलकैप में अमूमन चौथे या पांचवें साल में करेक्शन आता है। इसके पहले करीब 5 साल पहले स्मॉल कैप में करेक्शन आया था। ऐसे में माना जा सकता है कि एक बार फिर 5 साल के अंतराल पर छोटे और मझोले शेयर करेक्शन का सामना कर रहे हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक