प्रयागराज, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस उपायुक्त को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ रैंक के पुलिस अधिकारी (दंड और अपील) नियम, 1991 के नियम 8(2)(बी) के तहत हेड कांस्टेबल को सीधे बर्खास्त करने के उनके अधिकार का अतिक्रमण करने का कारण बताते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
पुलिस उपायुक्त गौतमबुद्ध नगर के 07 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा पुलिस में हेड कांस्टेबल याची अमित कुमार उर्फ अमित कुमार मलिक को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया। न्यायालय ने माना कि उपायुक्त ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया, क्योंकि वह बर्खास्तगी से पहले मामले की जांच न करने का कारण अपने आदेश में दर्ज करने में विफल रहे थे। उन्होंने अपने बर्खास्तगी आदेश में टिप्पणी की कि ऐसे कारणों को भविष्य में दर्ज किया जाएगा। न्यायालय ने माना कि ऐसे मामले में नियम 8(2)(बी) के तहत निर्धारित शर्तों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और जांच न करने के कारण का उल्लेख करना चाहिए।
जस्टिस जे.जे. मुनीर ने कहा, “यह न्यायालय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच करने के नियम से अलग हटकर ऐसी कठोर शक्तियों के प्रयोग को प्रोत्साहित नहीं करता, सिवाय इसके कि अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा आदेश में लिखित रूप में वैध और बाध्यकारी कारण दिए गए हों।“ न्यायालय ने पाया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई मामलों में सम्बंधित प्राधिकारी द्वारा नियम 8(2)(बी) के तहत शक्ति के लापरवाही से प्रयोग को हतोत्साहित करने के बारे में स्पष्ट निष्कर्ष था।
इसके अलावा जस्टिस मुनीर ने अपने आदेश पारित करने में इस तथ्य को ध्यान में रखा कि इस सम्बंध में पहले ही सर्कुलर जारी किया जा चुका है। जिसमें सीनियर अधिकारियों को नियम 8(2)(बी) के तहत अपनी विवेकाधीन शक्ति का उपयोग न करने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने यह पाते हुए कि डिप्टी कमिश्नर ने उपरोक्त का उल्लंघन किया, न्यायालय ने उन्हें कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए। कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त को 26 सितम्बर 2024 को या उससे पहले हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।
हाईकोर्ट ने याची को अपनी ड्यूटी जारी रखने तथा अपना वेतन प्राप्त करने का आदेश देते हुए विवादित बर्खास्तगी आदेश पर भी रोक लगा दी। कोर्ट इस मामले पर 26 सितम्बर को सुनवाई करेगी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे