-सोलहों श्रृंगार रचा भगवान शिव और मां पार्वती की कथा सुनी, विधि विधान से किया पूजन अर्चन, मंगला गौरी के चौखट पर टेका मत्था
वाराणसी, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में पति के दीर्घ जीवन (अखंड सुहाग) की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने पूरे आस्था और उल्लास के साथ शुक्रवार को हरतालिका तीज का निराजल व्रत रखा। महिलाएं 24 घंटे बाद शनिवार को इस कठिन व्रत का पारण करेंगी।
पर्व को लेकर उत्साहित सुहागिन महिलाओं ने भोर में ही स्नान ध्यान के बाद फेनी निगलकर व्रत का संकल्प लिया। पूरे दिन निराजल रहने के बाद शाम को सोलहों श्रृंगार रचा महिलाओं ने पुष्प, धूपदीप व नैवेद्य आदि से भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया। घरों में शाम को तीज व्रत की कथा का श्रवण किया गया। शिव, पार्वती और गणपति की पूजा की गई। इसके पहले महिलाओं ने सिन्धिया घाट के निकट स्थित मंगला गौरी के चौखट पर हाजिरी लगाई। मंदिर के मुख्य दरवाजे से लेकर गली तक महिलाओं और उनके परिजन दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध रहे। मातारानी का दर्शन पूजन के बाद महिलाओं ने अखंड सुहाग और घर परिवार में सुख समृद्धि के लिए कामना की।
हुकुलगंज नई बस्ती निवासी निशा श्रीवास्तव, मीनाक्षी गुप्ता,मिताली यादव ने बताया कि काफी उत्साह से तीज का व्रत रखा है। हमारे घर में यह परम्परा चली आ रही है। इस व्रत से पति के दीर्घ जीवन के लिए भगवान शिव और मां पार्वती का आर्शिवाद मिलता है। ज्योतिषविद मनोज उपाध्याय ने बताया कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इसी दिन मां पार्वती ने व्रत रखकर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन शिव परिवार की पूजा का विधि विधान है। भगवान शिव, मां पार्वती के साथ ही सुख समृद्धि के दाता श्री गणेशजी की भी पूजा अर्चना होती है।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी